Aadhaar Card Validity को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बेहद अहम फैसला सुनाया है, जो राज्य के हर नागरिक को जानना जरूरी है। अब से उत्तर प्रदेश में जन्म तिथि के सबूत (Date of Birth Proof) के तौर पर आधार कार्ड मान्य नहीं होगा। सरकार ने साफ कर दिया है कि सरकारी कामकाज में जन्म प्रमाण के लिए आधार कार्ड को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
पहचान का सबूत है, जन्म का नहीं
राज्य के प्लानिंग डिपार्टमेंट ने इस बात पर जोर दिया है कि आधार कार्ड में आधिकारिक तौर पर प्रमाणित जन्म रिकॉर्ड नहीं होता। यह दस्तावेज मुख्य रूप से किसी व्यक्ति की पहचान और पते का सबूत है, न कि उसके जन्म की तारीख का।
यही कारण है कि इसे किसी व्यक्ति के जन्म की पुख्ता जानकारी साबित करने वाला असली दस्तावेज नहीं माना जा सकता। सरकार का यह स्पष्टीकरण उन सभी लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो अब तक जन्म तिथि के लिए केवल आधार पर निर्भर थे।
सभी विभागों को निर्देश जारी
आधिकारिक आदेश में प्लानिंग डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी अमित सिंह बंसल ने राज्य के सभी विभागों को कड़े निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा है कि जन्म से जुड़े किसी भी वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड को स्वीकार करना तुरंत बंद कर दिया जाए।
अब अगर आप यूपी में किसी सरकारी काम के लिए जा रहे हैं जहां जन्म तिथि का प्रमाण चाहिए, तो आपको आधार कार्ड के अलावा अन्य मान्य दस्तावेज साथ रखने होंगे, वरना आपका काम अटक सकता है।
महाराष्ट्र सरकार भी उठा चुकी है कदम
सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, महाराष्ट्र सरकार ने भी इस दिशा में कदम उठाए हैं। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि 11 अगस्त 2023 के बाद, जो जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र केवल आधार कार्ड के आधार पर जारी किए गए थे, उन्हें वापस लिया जाना चाहिए।
वहां भी यह नियम है कि बिना स्कूल सर्टिफिकेट या जन्म स्थान के ठोस सबूत के, सिर्फ आधार कार्ड दिखाकर देरी से बनवाए गए बर्थ सर्टिफिकेट की अब समीक्षा (Review) की जाएगी।
जानें पूरा मामला: सुरक्षा और सतर्कता
यह फैसला केवल एक प्रशासनिक बदलाव नहीं है, बल्कि इसके पीछे सुरक्षा का बड़ा कारण है। यह कदम उत्तर प्रदेश में अवैध प्रवासियों (Illegal Immigrants) की पहचान और बॉर्डर पर जांच तेज करने के प्रयासों के बीच आया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में जिला प्रशासन को अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के लिए अस्थायी डिटेंशन सेंटर (Temporary Detention Center) बनाने का आदेश दिया था। नेपाल के साथ खुली सीमा होने के कारण यूपी में अब ज्यादा सतर्कता बरती जा रही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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यूपी में प्रतिबंध: अब जन्म तिथि के सबूत के तौर पर आधार कार्ड मान्य नहीं होगा।
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अधिकारी का आदेश: स्पेशल सेक्रेटरी अमित सिंह बंसल ने सभी विभागों को निर्देश जारी किए।
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आधार का उद्देश्य: यह केवल पहचान और पते का प्रमाण है, जन्म का आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं।
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सुरक्षा कारण: अवैध प्रवासियों की पहचान और सीमा सुरक्षा के मद्देनजर सख्ती बढ़ाई गई है।






