बदलापुर (Badlapur), महाराष्ट्र 20 जनवरी (The News Air): बदलापुर एनकाउंटर केस, जिसमें यौन उत्पीड़न के आरोपी अक्षय शिंदे (Akshay Shinde) की हिरासत में मौत हुई थी, अब एक नई मोड़ पर पहुंच गया है। मजिस्ट्रेट जांच में 5 पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया गया है। रिपोर्ट में साफ कहा गया कि आरोपी द्वारा पुलिस वैन में गोली चलाने का दावा निराधार है क्योंकि बंदूक पर उसकी उंगलियों के निशान नहीं मिले।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे (Revati Mohite Dere) और नीला गोखले (Neela Gokhale) की खंडपीठ ने सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में जांच रिपोर्ट पेश की। उन्होंने कहा कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी और यह तय किया जाएगा कि मामले की जांच कौन सी एजेंसी करेगी।
अक्षय शिंदे केस: अगस्त 2024 की घटना का विवरण : अक्षय शिंदे (24), बदलापुर के एक स्कूल में अटेंडेंट के रूप में काम करता था। अगस्त 2024 में उसे दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। लेकिन सितंबर 2024 में, तलोजा जेल (Taloja Jail) से पूछताछ के लिए ले जाते समय, पुलिस ने दावा किया कि शिंदे ने पुलिस वैन में बंदूक छीन ली और गोलियां चलाईं। इसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली मारने का दावा किया।
मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के मुख्य बिंदु
- अवैध बल प्रयोग: रिपोर्ट में कहा गया कि पांच पुलिसकर्मियों ने अनुचित बल का इस्तेमाल किया, जिसके कारण आरोपी की मौत हुई।
- बंदूक पर निशान नहीं: पुलिस ने दावा किया कि शिंदे ने बंदूक छीन कर गोली चलाई, लेकिन बंदूक पर उसकी उंगलियों के निशान नहीं मिले।
- झूठा आत्मरक्षा का दावा: पुलिसकर्मियों का यह कहना कि उन्होंने आत्मरक्षा में गोली चलाई, रिपोर्ट में संदिग्ध और अनुचित पाया गया।
परिवार का आरोप: फर्जी एनकाउंटर : अक्षय शिंदे के पिता अन्ना शिंदे (Anna Shinde) ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यह फर्जी एनकाउंटर था। उन्होंने कहा, “मेरे बेटे को बिना वजह मारा गया और सच्चाई छिपाने के लिए झूठी कहानी गढ़ी गई।”
हाई कोर्ट का आदेश और अगली कार्यवाही : जस्टिस रेवती मोहिते डेरे ने कहा कि अब पांच दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ FIR दर्ज की जाएगी। उन्होंने सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर (Hiten Venegaonkar) से दो सप्ताह में यह जानकारी देने को कहा कि मामले की जांच कौन सी एजेंसी करेगी।
इस केस के बड़े सवाल
- क्या यह एनकाउंटर वाकई आत्मरक्षा का मामला था या इसे फर्जी कहानी के तहत छिपाया गया?
- पुलिसकर्मियों को कब और कैसे सजा दी जाएगी?
- इस घटना का महिलाओं की सुरक्षा पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
बदलापुर एनकाउंटर केस ने पुलिस हिरासत में होने वाली मौतों को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। मजिस्ट्रेट जांच के निष्कर्ष दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। क्या यह केस फर्जी एनकाउंटर की गिनती में जाएगा या दोषियों को सजा मिलेगी? यह देखना बाकी है।