नई दिल्ली, 07 जनवरी (The News Air) 86 वर्षीय स्वयंभू धर्मगुरु आसाराम बापू (Asaram Bapu) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए 2013 के बलात्कार मामले में अंतरिम जमानत दी है। कोर्ट ने यह जमानत मेडिकल आधार पर 31 मार्च 2025 तक के लिए मंजूर की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान यह भी निर्देश दिया है कि आसाराम किसी भी स्थिति में अपने अनुयायियों से नहीं मिलेंगे।
आसाराम के वकील ने अदालत को बताया कि वे गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे हैं, जिनमें हृदय रोग और उम्र से संबंधित अन्य समस्याएं शामिल हैं। अदालत ने उनकी उम्र और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया।
[BREAKING] Supreme Court grants interim bail to Asaram Bapu on medical grounds
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— Bar and Bench (@barandbench) January 7, 2025
2013 का बलात्कार मामला: आसाराम बापू पर 2013 में एक 16 वर्षीय लड़की से बलात्कार का आरोप लगाया गया था।
- यह घटना जोधपुर के उनके आश्रम में हुई थी।
- जोधपुर की विशेष अदालत (Special Court) ने उन्हें POCSO एक्ट और SC/ST अधिनियम (Atrocities Act) के तहत दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
- आसाराम तभी से जेल में बंद हैं।
गुजरात हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका : आसाराम ने 2023 में गुजरात के गांधीनगर सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की मांग की थी।
- गुजरात हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी।
- इसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जहां केवल मेडिकल आधार पर उनकी याचिका स्वीकार की गई।
- सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अंतरिम जमानत केवल स्वास्थ्य कारणों तक सीमित है और इसे नियमित जमानत न माना जाए।
आध्यात्मिक साम्राज्य और विवादित छवि : आसाराम बापू ने 1970 के दशक में अहमदाबाद (Ahmedabad) के साबरमती नदी के किनारे अपना पहला आश्रम स्थापित किया था।
- समय के साथ उन्होंने देशभर में कई आश्रम स्थापित किए और एक विशाल आध्यात्मिक साम्राज्य खड़ा किया।
- उनके द्वारा बेचे जाने वाले आध्यात्मिक उत्पादों और साहित्य का व्यापार भी तेजी से बढ़ा।
लेकिन उनके खिलाफ बलात्कार, यौन उत्पीड़न और भूमि कब्जे जैसे गंभीर आरोपों ने उनकी छवि को गहरा नुकसान पहुंचाया।
क्या है आगे की राह? : आसाराम के खिलाफ कानूनी मामले अब भी जारी हैं।
- उनकी अंतरिम जमानत केवल 31 मार्च तक प्रभावी है।
- अदालत ने यह भी निर्देश दिया है कि वे इस दौरान अपने अनुयायियों से किसी भी प्रकार का संपर्क न करें।
- उनके वकीलों की टीम नियमित जमानत के लिए प्रयासरत है।
आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत उनके अनुयायियों के लिए राहत की खबर है। हालांकि, अदालत ने स्पष्ट किया है कि यह राहत केवल स्वास्थ्य कारणों तक सीमित है। उनके खिलाफ अन्य कानूनी मामलों का निपटारा होना अभी बाकी है, जो उनके भविष्य को निर्धारित करेगा।