नई दिल्ली (New Delhi), 18 जनवरी (The News Air): दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नामांकन पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बीजेपी के प्रतिनिधि प्रवेश वर्मा (Parvesh Verma) ने उनके खिलाफ नामांकन फॉर्म में गलत जानकारी देने, आय छिपाने और मतदाताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है।
नामांकन पर रोक
बीजेपी की ओर से यह दावा किया गया है कि रिटर्निंग ऑफिसर (RO) ने अरविंद केजरीवाल के नामांकन को फिलहाल होल्ड पर रख दिया है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने अपनी आय के आंकड़ों में गड़बड़ी की है और मतदाता सूची में अपने नाम के कई स्थानों पर दर्ज होने के बावजूद जानकारी छिपाई है।
क्या हैं आरोप?
- आय की गड़बड़ी का आरोप
एडवोकेट साकेत गुप्ता (Saket Gupta) ने दावा किया कि केजरीवाल ने अपने नामांकन फॉर्म में 2019-2020 की आय ₹1,57,823 बताई है।- गुप्ता ने कहा, “एक मुख्यमंत्री का दैनिक वेतन ₹20,000 और दैनिक भत्ता ₹1,000 होता है। उनके द्वारा दिखाई गई आय पूरी तरह से गलत और झूठ है।”
- उन्होंने इसे Minimum Wages Act का उल्लंघन बताते हुए मतदाताओं को गुमराह करने का आरोप लगाया।
- वोटर लिस्ट में गड़बड़ी
आरोप है कि केजरीवाल का नाम दिल्ली के चांदनी चौक (Chandni Chowk) के वार्ड नंबर 105 और गाजियाबाद (Ghaziabad) के कौशांबी (Kaushambi) के वार्ड नंबर 72 की मतदाता सूची में दर्ज है।- सवाल यह है कि अगर वह यूपी (Uttar Pradesh) के वोटर हैं, तो दिल्ली में चुनाव कैसे लड़ सकते हैं?
- FIR की जानकारी छिपाने का आरोप
आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल पर नॉर्थ एवेन्यू पुलिस स्टेशन (North Avenue Police Station) में गंभीर धाराओं के तहत तीन केस दर्ज हैं, जिनकी जानकारी उन्होंने अपने नामांकन हलफनामे में छिपाई।
नामांकन होल्ड पर BJP की प्रतिक्रिया प्रवेश वर्मा के प्रतिनिधि साकेत गुप्ता ने कहा: “अरविंद केजरीवाल का नामांकन फॉर्म पूरी तरह से त्रुटिपूर्ण है। RO को इसे खारिज करना चाहिए। उन्होंने मतदाताओं को गुमराह किया है और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।”
AAP का पलटवार : आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह बीजेपी की “राजनीतिक साजिश” है। AAP के प्रवक्ता ने कहा: “बीजेपी जानती है कि वे चुनाव नहीं जीत सकते, इसलिए वे नामांकन प्रक्रिया में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं। केजरीवाल जी ने सभी आवश्यक दस्तावेज और जानकारी प्रदान की है। यह जनता को भ्रमित करने की कोशिश है।”
क्या कहते हैं नियम? : चुनावी नियमों के अनुसार:
- सभी उम्मीदवारों को अपनी आय और आपराधिक मामलों की जानकारी हलफनामे में देनी होती है।
- मतदाता सूची में एक से अधिक स्थानों पर नाम दर्ज होना Representation of People Act, 1951 का उल्लंघन है।
अरविंद केजरीवाल के नामांकन पर लगे इन आरोपों ने चुनावी राजनीति को गरमा दिया है। अब देखना यह होगा कि रिटर्निंग ऑफिसर क्या फैसला लेते हैं। क्या यह केवल राजनीतिक साजिश है, या केजरीवाल को वाकई कानूनी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा?
जवाब जल्द सामने आएगा, लेकिन फिलहाल दिल्ली की राजनीति में हलचल मच चुकी है।