पटना, 27 दिसंबर (The News Air) : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को लेकर बड़ा ऐलान कर दिया है, जिससे हजारों छात्रों को झटका लगा है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी हालत में 70वीं सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा को रद्द नहीं किया जाएगा। छात्रों के विरोध और प्रदर्शन को दरकिनार करते हुए, आयोग ने साफ कर दिया कि परीक्षा वैध है और आगे की प्रक्रिया समय पर होगी।
धरने पर छात्रों की नाराजगी : पिछले 10 दिनों से बड़ी संख्या में छात्र पटना के विभिन्न स्थानों पर धरना दे रहे थे। उनका आरोप है कि परीक्षा के आयोजन में कई स्तरों पर धांधली हुई। छात्रों का कहना है कि परीक्षा में पेपर लीक, अनुचित मूल्यांकन और तकनीकी खामियां सामने आईं, जिससे कई योग्य अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ।
आयोग का जवाब : BPSC के परीक्षा नियंत्रक ने अपने बयान में कहा कि सभी आरोपों की जांच की गई है और परीक्षा में किसी भी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई। उन्होंने छात्रों को सलाह दी है कि वे अफवाहों पर ध्यान न देकर मुख्य परीक्षा की तैयारी करें। आयोग ने यह भी घोषणा की है कि 70वीं मेंस परीक्षा अगले साल अप्रैल 2025 में आयोजित की जाएगी।
छात्रों को मिला समर्थन : छात्रों के आंदोलन को कई प्रमुख हस्तियों का समर्थन मिला है।
- खान सर ने छात्रों का पक्ष लेते हुए आयोग पर आरोप लगाया कि वह धांधली से जुड़े सबूत छिपा रहा है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो इस मामले को सुप्रीम कोर्ट और राष्ट्रपति तक ले जाया जाएगा।
- गुरु रहमान और अन्य शिक्षाविदों ने भी छात्रों के आंदोलन को सही ठहराया और निष्पक्ष जांच की मांग की।
- राजनीतिक हस्तियां जैसे तेजस्वी यादव, पप्पू यादव और प्रशांत किशोर ने भी छात्रों का समर्थन किया और इस मामले में आयोग से जवाबदेही की मांग की।
छात्रों की मायूसी : BPSC के इस फैसले से छात्रों में भारी निराशा है। कई छात्रों ने कहा कि वे अब भी अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगे। प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।
परीक्षा मेंस की ओर बढ़ रही है प्रक्रिया : आयोग ने मुख्य परीक्षा की तारीखों की घोषणा करते हुए छात्रों को तैयारी पर ध्यान देने की सलाह दी है। मेंस परीक्षा अप्रैल 2025 में होगी, और सफल अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाएगा।
आगे की राह : BPSC के इस निर्णय के बाद छात्र संगठन और प्रदर्शनकारी अपनी रणनीति पर विचार कर रहे हैं। आंदोलन का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि उन्हें अब तक मिली राजनीतिक और सामाजिक समर्थन किस हद तक आगे बढ़ता है।