AAP MLA Molestation Case : पंजाब (Punjab) के खडूर साहिब (Khadoor Sahib) से आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा (Manjinder Singh Lalpura) को छेड़छाड़ के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) से राहत नहीं मिली है। मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025 को हुई सुनवाई में अदालत ने उनकी चार साल की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। लालपुरा की याचिका में मांग की गई थी कि सजा पर अस्थायी स्टे (Stay) दिया जाए, ताकि उनकी विधानसभा सदस्यता बरकरार रहे।
अदालत का सख्त रुख: “फिलहाल हस्तक्षेप की जरूरत नहीं”
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि जब तक विधायक की सदस्यता रद्द करने की कोई प्रक्रिया शुरू नहीं होती, तब तक अदालत के तत्काल हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। कोर्ट ने इस तर्क को खारिज कर दिया कि सजा पर स्टे नहीं मिलने से विधायक की सदस्यता अपने आप रद्द हो जाएगी। अदालत ने कहा—“जब सदस्यता रद्द करने जैसी कार्रवाई ही शुरू नहीं हुई, तो इतनी जल्दबाज़ी क्यों?”
2013 में टैक्सी ड्राइवर रहते लगाया गया था छेड़छाड़ का आरोप
यह मामला वर्ष 2013 का है, जब मनजिंदर सिंह लालपुरा टैक्सी ड्राइवर थे। उन पर एक शादी समारोह में शामिल युवती से मारपीट और छेड़छाड़ का आरोप लगा था। शिकायत के मुताबिक, घटना 3 मार्च 2013 को हुई थी, जब पीड़िता अपने मासी के बेटे की शादी में गई थी। आरोप है कि लालपुरा और उनके साथी ड्राइवरों ने उसके साथ अभद्र व्यवहार किया और जातिसूचक शब्द कहे।
निचली अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई थी
तरनतारन (Tarn Taran) की जिला अदालत ने दो माह पहले विधायक लालपुरा समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया था। अदालत ने उन्हें 4 साल की सजा सुनाई और 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस मामले में पुलिसकर्मियों सहित 12 लोग आरोपी थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और एक पहले से तिहाड़ जेल में बंद है। कोर्ट ने इस केस में एससी/एसटी एक्ट (SC/ST Act) की धारा 323, 324 और 354 के तहत सजा सुनाई थी।
पीड़िता का बयान: “13 साल से इंसाफ की लड़ाई लड़ी”
पीड़िता ने कहा कि फैसले से उसे इंसाफ मिला है। उसने बताया कि इस केस ने उसके जीवन के 13 साल बर्बाद कर दिए। आरोपी लगातार उसे धमकियां देते रहे और केस वापस लेने का दबाव डालते रहे। उसने अदालत से अपील की कि सभी दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि कोई और महिला इस तरह की पीड़ा न सहे।
सियासत और कानून के बीच फंसे विधायक
लालपुरा अब आम आदमी पार्टी के विधायक हैं। अदालत का यह फैसला पार्टी और उनके राजनीतिक करियर दोनों के लिए चुनौती बन गया है। ऐसे मामलों में सजा मिलने पर जनप्रतिनिधियों की सदस्यता स्वतः रद्द हो सकती है, लेकिन फिलहाल हाईकोर्ट ने इस पर कोई निर्णय नहीं दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से अगले महीने की सुनवाई में पूरे केस रिकॉर्ड की मांग की है।
मुख्य बातें (Key Points):
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हाईकोर्ट ने AAP विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा की सजा पर रोक लगाने से इनकार किया।
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2013 के छेड़छाड़ केस में निचली अदालत ने 4 साल की सजा सुनाई थी।
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कोर्ट ने कहा—“सदस्यता रद्द नहीं हुई, इसलिए फिलहाल हस्तक्षेप की जरूरत नहीं।”
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अगली सुनवाई में राज्य सरकार को पूरा रिकॉर्ड पेश करने के आदेश।






