नयी दिल्ली/भंडारा (The News Air) जहां एक तरफ देश में शिक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्र के साथ-साथ सभी राज्यों की सरकारें लगातार प्रयास कर रही हैं। वहीं अनेकों राज्य सरकारें स्कूल में मिड डे मील से लेकर छात्रों को स्कूल पहुंचाने तक की कई जरुरी सुविधाएं मुहैया करा रही हैं।
लेकिन आज भी हमारे देश में कई इलाके ऐसे हैं जहां जरुरी तो एकतरफ मूलभूत सुविधाएं भी अब तक नहीं पहुंच सकी हैं। अब एक ऐसा ही वीडियो सामने आया है जिसमें स्कूली बच्चे अपनी जान का जोखिम लेकर नदी पार करने को मजबूर दिख रहे हैं। वैसे भी महाराष्ट्र में कई दिनों से बारिश हो रही है। जिससे लोगों की जीवन अब प्रभावित होता दिख रहा है। लेकिन इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दूर-दराज से स्कूल आने वाले बच्चों पर पड़ रहा है।
ये है पूरा मामला
महाराष्ट्र के भंडारा (Bhandara) के अवली गांव के छात्र अपने स्कूल पहुंचने के लिए रोज अपनी जान जोखिम में डालते हैं और नाव के जरिए चुलबंद नदी पार करते हैं। दरअसल यहां के प्रशासन के निकम्मे रवैये के चलते नदी पार करने के लिए यहां का पुल अभी भी निर्माणाधीन है।
#WATCH | Students of Awali village in Maharashtra's Bhandara risk their lives to reach school as they cross the Chulband River using boats. The bridge to cross the river is currently under construction. pic.twitter.com/eDVOgfExE3
— ANI (@ANI) July 15, 2023
दरअसल चुलबंद नदी में बीते एक पखवाड़े से बाढ़ की स्थिति होने के कारण तहसील के आवली का अन्य गांवों से संपर्क टूटा हुआ है। हालांकि इसके पहले नदी के बाढ़ से स्थानीय गांव आवली वासियों के आवागमन पर जिला प्रशासन द्वारा रोक लगाई गई है।
अवली गांव के एक छात्र मयूर मेश्राम ने बताया कि, “हमारे गांव में, हमारी स्कूली शिक्षा केवल चौथी कक्षा तक है। आगे की पढ़ाई के लिए हमें दूसरे गांवों में जाना पड़ता है। हमें नावों का उपयोग करना पड़ता है। नाव बहुत हिलती है इसलिए हमें डर लगता है लेकिन हमें आना पड़ता है क्योंकि पढ़ाई महत्वपूर्ण है । हमें जल्द से जल्द पुल सेवा की आवश्यकता है ताकि हमारा आवागमन सुविधाजनक हो।”
"In our village, we have schooling till class 4th only. For further studies, we have to travel to other villages…We have to use boats. The boat shakes a lot so we feel scared but we have to come since studies are important. We need the bridge service as soon as possible so that… pic.twitter.com/j7jlWw3gEu
— ANI (@ANI) July 15, 2023
मामले पर शिक्षक भागवत गायके ने बाताया कि, “यहां आवाजाही नावों के माध्यम से होती है और इसलिए इसमें बहुत जोखिम होता है।बारिश के दौरान छात्रों की आवाजाही कम रहती है। हमें नावों का उपयोग करने में भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह जीवन के लिए भी जोखिम होता है। हर दिन आवाजाही होती है लगभग 100-150 लोग और इसके अलावा लगभग 30-40 छात्र भी इस नदी को नाव से रोज पार करते हैं।”
नाव से नदी पार करने को मजबूर
इस स्थिति में स्थानीय आवली के कक्षा 5 वी से 10 वीं तक के कुल 30 छात्रों का स्कूली शिक्षा के लिए नदी से आवागमन बंद पड़ा है। इस बीच स्कूली शिक्षा से वंचित छात्रों को अन्य गांवों से शिक्षा सुविधा उपलब्ध होने के लिए नदी के बाढ़ से आवागमन के लिए प्रशासन से नाव की सुविधा उपलब्ध कराने की मांग की गई थी। जिसके बाद अब शिक्षा के लिए इन मासूमों को नाव के जरिए चुलबंद नदी पार करनी पड़ती है।
शिक्षा की लिए बच्चों की लड़ाई जारी
मिली जानकारी के अनुसार स्थानीय आवली में जिप प्राथमिक स्कूल के तहत कक्षा 1 ली से 4 थी तक प्राथमिक शिक्षा की सुविधा ही उपलब्ध होती है। जबकि कक्षा 5 वी से कक्षा 10 वी तक के शिक्षा सुविधा के लिए स्थानीय आवली के छात्र चुलबंद नदी पार सोनी के लोकमान्य तिलक विद्यालय जाते हैं।
हालांकि बारिश के दौरान उक्त शिक्षा सुविधा उपलब्ध होने के लिए पिछले अनेक वर्षों से आंवली के छात्र चुलबंद नदी के बाढ़ के पानी से नाव के जरिए आने-जाने को मजबूर हैं। लेकिन वहीं स्थानीय प्रशासन अपनी कुम्भकर्णी नींद से आज भी उठ नहीं सका है।