एक सरकारी बैंक में 15 साल सेवा देने के बाद एक कर्मचारी ने अपनी नौकरी छोड़ने का साहसिक कदम उठाया। इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर चर्चा बढ़ा दी और सरकारी बैंकों में कर्मचारियों की बढ़ती तनावपूर्ण परिस्थितियों पर सवाल खड़े कर दिए।
पेंशन से ज्यादा कीमती है जिंदगी: कर्मचारी ने बताया कि वे नए पेंशन सिस्टम (NPS) में हैं, इसलिए पुराने पेंशन के फायदे का विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा, “पेंशन हो या न हो, मुझे अपनी जान बचानी है। सैलरी से ज्यादा कीमती जिंदगी है।”
सेहत और इज्जत दोनों पर असर: 39 वर्षीय कर्मचारी ने बताया कि बैंक की नौकरी स्थिरता और समाज में इज्जत देती है, लेकिन लगातार लंबे काम के घंटे (सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक), अचानक ट्रांसफर और सेल्स टारगेट ने उनकी सेहत बिगाड़ दी। उन्हें हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड और फैटी लिवर जैसी गंभीर समस्याएं हो गई हैं।
अनुचित दबाव और बेकार बीमा बेचने का तनाव: सबसे ज्यादा परेशानी उन्हें ऐसे बीमा उत्पाद बेचने के दबाव से हुई, जिनकी ग्राहकों को जरूरत नहीं थी। रविवार को भी काम करना पड़ता था, और बॉसों की अनुचित मांगों के आगे चुप रहना पड़ता था। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है जैसे तुमने अपनी इज्जत ही बेच दी हो।”
आखिरी फैसला: तनाव और स्वास्थ्य कारणों से अब उन्होंने काम पर जाना बंद कर दिया है। भले ही इससे उनकी सैलरी और आर्थिक स्थिति प्रभावित हो, उनका कहना है कि अब उन्हें अपनी जिंदगी वापस चाहिए। उन्होंने लिखा, “मुझे डर है कि कहीं मैं भी अपने साथी बैंकरों की तरह टूट न जाऊं।”
लोगों की प्रतिक्रिया: सोशल मीडिया पर कई लोगों ने सहानुभूति जताई और अपने अनुभव साझा किए। एक आईटी प्रोफेशनल ने कहा कि उन्हें भी हाई बीपी और फैटी लिवर की समस्या है। एक अन्य यूजर ने अपनी बहन की स्थिति का उदाहरण दिया और कहा कि सरकारी बैंक में काम करना परिवार और स्वास्थ्य के लिए चुनौतीपूर्ण हो गया है।
संदर्भ / बैकग्राउंड : सरकारी बैंक कर्मचारियों को नौकरी की स्थिरता और पेंशन जैसी सुरक्षा मिलती है, लेकिन बढ़ते काम के घंटे, सेल्स टारगेट और मानसिक दबाव के कारण उनकी सेहत प्रभावित हो रही है। यह समस्या सिर्फ एक कर्मचारी तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बैंकिंग सेक्टर में कर्मचारियों की लाइफ और वेलबीइंग पर असर डाल रही है।
मुख्य बातें (Key Points)
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सरकारी बैंक कर्मचारी ने 15 साल सेवा के बाद नौकरी छोड़ने का निर्णय लिया।
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लंबे काम के घंटे और सेल्स टारगेट ने उन्हें हाई बीपी, थायराइड और फैटी लिवर जैसी समस्याएं दी।
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उन्होंने बताया कि पेंशन से ज्यादा उनकी जिंदगी की कीमत अहम है।
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सोशल मीडिया पर कई लोग सहानुभूति जता रहे हैं और अपनी समान स्थितियों को साझा कर रहे हैं।






