Balochistan Blast : पाकिस्तान (Pakistan) के अशांत बलूचिस्तान (Balochistan) प्रांत में एक बार फिर हिंसा ने सिर उठा लिया है। सोमवार को हुए एक शक्तिशाली आईईडी (IED – Improvised Explosive Device) धमाके में फ्रंटियर कोर (Frontier Corps) के काफिले को निशाना बनाते हुए कम से कम सात पाकिस्तानी फौजियों की मौत हो गई, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। हालांकि इस हमले की जिम्मेदारी अब तक किसी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इसके पीछे बलूच लिबरेशन आर्मी (Baloch Liberation Army) का हाथ हो सकता है।
यह धमाका ऐसे समय में हुआ है जब बलूचिस्तान में उग्रवाद और असंतोष की लहर फिर से तेज हो गई है। पिछले सप्ताह भी लगभग 30 से 40 हथियारबंद हमलावरों ने एक प्रमुख हाईवे को ब्लॉक कर दिया था और एक पुलिस वैन को निशाना बनाते हुए उसमें सवार पांच पुलिसकर्मियों को अगवा कर लिया था। इन घटनाओं ने बलूचिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरियों को उजागर कर दिया है और पूरे पाकिस्तान में खलबली मचा दी है।
बलूचिस्तान पाकिस्तान का वह इलाका है जो दशकों से अलगाववाद, विद्रोह और उग्रवाद की आग में जल रहा है। यहां के स्थानीय विद्रोही गुटों का आरोप है कि पाक सरकार बलूच जनता के प्राकृतिक संसाधनों का शोषण कर रही है और उन्हें उनके ही अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) को यहां सबसे सक्रिय और खतरनाक विद्रोही संगठन माना जाता है, जो अक्सर सेना और सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले करता है।
इस ताजा हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान की आंतरिक सुरक्षा की पोल खोल दी है। बलूचिस्तान में लगातार हो रही हिंसात्मक घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वहां की जनता और सरकार के बीच दरारें गहरी हो चुकी हैं। सुरक्षा एजेंसियों के लिए अब यह जरूरी हो गया है कि वे सिर्फ प्रतिक्रियात्मक नहीं बल्कि रणनीतिक तरीके से इन खतरों से निपटें।
जब तक बलूचिस्तान में राजनीतिक समाधान की दिशा में गंभीर प्रयास नहीं किए जाते, तब तक इस तरह के हमले पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बने रहेंगे। इस हमले के बाद पाकिस्तान की सेना और सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वे बलूचिस्तान में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाएं।