KGMU Conversion Case: लखनऊ के प्रतिष्ठित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) में धर्मांतरण के आरोपों ने अब उग्र रूप ले लिया है। एक छात्रा द्वारा धर्म परिवर्तन के दबाव में आत्महत्या के प्रयास के बाद मामला शांत होने के बजाय और भड़क गया है। आज बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के कार्यकर्ताओं ने मेडिकल कॉलेज परिसर में जोरदार प्रदर्शन करते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
इस प्रदर्शन ने यूनिवर्सिटी के माहौल को गरमा दिया है। हिंदू संगठनों ने न केवल घटना पर रोष जताया है, बल्कि कुलपति (Vice-Chancellor) से मुलाकात कर एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कैंपस के नियमों को लेकर बड़ी मांगें रखी गई हैं।
नकाब और नमाज पर रोक की मांग
प्रदर्शनकारियों ने कुलपति के सामने अपनी 5 सूत्रीय मांगें रखी हैं, जो अब चर्चा का विषय बन गई हैं। हिंदू संगठनों ने स्पष्ट रूप से मांग की है कि यूनिवर्सिटी परिसर के भीतर ‘नकाब’ पहनने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए। उनका कहना है कि एक शिक्षण संस्थान में पहचान स्पष्ट होनी चाहिए। इसके अलावा, ज्ञापन में परिसर के अंदर ‘नमाज’ अदा करने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगाने की आवाज उठाई गई है। संगठनों का तर्क है कि मेडिकल कॉलेज शिक्षा और इलाज की जगह है, इसे धार्मिक गतिविधियों का केंद्र नहीं बनने दिया जाएगा।
वीसी का घेराव और प्रशासन की कार्रवाई
बजरंग दल और वीएचपी के कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को लेकर कुलपति से सीधी बात की। इस दौरान भारी हंगामा देखने को मिला। दबाव बढ़ता देख मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने भी मामले की जांच तेज कर दी है। प्रशासन ने आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर और पीड़ित छात्रा का पूरा ब्यौरा (Details) निकाल लिया है। जानकारी के मुताबिक, दोनों से शुरुआती पूछताछ भी पूरी कर ली गई है। कॉलेज प्रशासन ने निष्पक्ष जांच के लिए पीड़ित छात्रा से आरोपों के समर्थन में साक्ष्य (Evidence) भी मांगे हैं।
विश्लेषण: शिक्षा के मंदिर में धर्म का विवाद
एक वरिष्ठ संपादक के तौर पर इस घटना को देखें, तो यह मामला अब केवल एक छात्रा और डॉक्टर के बीच का विवाद नहीं रह गया है, बल्कि इसने एक बड़े धार्मिक और सामाजिक मुद्दे का रूप ले लिया है। मेडिकल कॉलेज जैसे संस्थान में नकाब और नमाज पर प्रतिबंध की मांग करना यह दर्शाता है कि यह लड़ाई अब ‘पहचान’ और ‘परिसर के नियमों’ पर आ गई है। अगर प्रशासन इन मांगों पर कोई फैसला लेता है, तो इसका असर न केवल लखनऊ बल्कि देश के अन्य शिक्षण संस्थानों पर भी पड़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन अनुशासन और धार्मिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन कैसे बनाता है।
‘जानें पूरा मामला’
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब KGMU की एक छात्रा ने आरोप लगाया कि एक रेजिडेंट डॉक्टर उस पर धर्म परिवर्तन (Conversion) के लिए दबाव बना रहा है। छात्रा का आरोप था कि इस प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या करने का प्रयास किया था। इस गंभीर आरोप के बाद से ही मेडिकल कॉलेज सुर्खियों में है और अब हिंदू संगठनों के दखल के बाद मामले ने सियासी और सांप्रदायिक रंग ले लिया है।
मुख्य बातें (Key Points)
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KGMU में धर्मांतरण मामले को लेकर बजरंग दल और VHP ने जोरदार प्रदर्शन किया।
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हिंदू संगठनों ने परिसर में नकाब पहनने और नमाज पढ़ने पर पूर्ण प्रतिबंध की मांग की।
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कुलपति को 5 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा गया, प्रशासन ने जांच की रफ्तार बढ़ा दी है।
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आरोपी रेजिडेंट डॉक्टर और पीड़ित छात्रा से शुरुआती पूछताछ हो चुकी है।






