अमृतसर (The News Air): श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह जी ने क्वींसलैंड के स्कूलों में कृपाण पहनने पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ अदालत में केस जीतने पर ऑस्ट्रेलियाई सिखों को बधाई दी है। क्वींसलैंड की अदालत द्वारा सिखों को पगड़ी के रूप में कृपाण पहनने की अनुमति देना स्वागत योग्य है और इसे बढ़ाया भी जाएगा। ऑस्ट्रेलिया में विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच अंतर-धार्मिक सद्भाव और सहयोग की भावना। सिंह साहिब जी ने कहा कि कृपाण सिखों को गुरु साहिबों ने ककार के रूप में आशीर्वाद दिया है, जो सिख जीवन का अभिन्न अंग है। न केवल सिख छात्रों बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों को भी क्वींसलैंड के स्कूलों में कृपाण पहनने से रोका गया था, लेकिन बीबी कमलजीत कौर ने इस प्रतिबंध को क्वींसलैंड सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और अदालत में बीबी कमलजीत कौर के वकील ने कहा कि अमृतधारी कृपाण सिखों के लिए पांच बुराइयों में से एक है। और इसे चाकू प्रतिबंध के रूप में देखना नस्लवादी है। न्यायालय द्वारा सिखों की धार्मिक स्वतंत्रता को मानवीय स्वतंत्रता के रूप में सम्मान देते हुए कृपाण धारण को संवैधानिक अधिकार में शामिल किया गया, जिसके लिए बीबी कमलजीत कौर सहित सभी ऑस्ट्रेलियाई सिख बधाई के पात्र हैं, जिन्हें न्यायालय में कानूनी आधार प्राप्त है। अपना पक्ष रखकर कृपाण धारण करें।
सिंह साहिब जी ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई न्यायपालिका ने सिखों की भावनाओं की सराहना करते हुए सही निर्णय लिया है, जिससे ऑस्ट्रेलिया की न्याय प्रणाली के प्रति सिखों का विश्वास बढ़ेगा और ऑस्ट्रेलियाई सिख सभी के लिए बेहतर तरीके से योगदान देंगे। देश के सर्वांगीण विकास के लिए उत्साहित रहेंगे इसके साथ ही सिंह साहिब जी ने कहा कि अन्य देशों में भी जहां सिखों पर धार्मिक प्रतिबंध लगाने पर प्रतिबंध है, उन्हें भी सिखों के सामने अपना कानूनी पक्ष मजबूती से रखने की जरूरत है और उन देशों में सिखों के धार्मिक अधिकारों का सम्मान भी करना चाहिए। सिखों को अपनी धार्मिक पोशाक पहनने की आजादी।