Jaishankar on Trump: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे ने पूरी दुनिया, खासकर अमेरिका में खलबली मचा दी है। पुतिन के वापस लौटते ही विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिका और डोनाल्ड ट्रंप के खेमे को दो टूक सुना दिया है कि भारत अपने रिश्तों पर किसी का भी Veto या दबाव बर्दाश्त नहीं करेगा।
दुनिया की नजरें पुतिन के भारत आने और जाने के हर पल पर टिकी थीं। भारतीय सरजमीं से पुतिन ने जो भी ऐलान किए, उसमें एक पुरानी लेकिन अटूट साझेदारी की गूंज साफ सुनाई दी। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि आज रूस और भारत वैश्विक दबावों से ऊपर उठकर अपने फैसले लेते हैं। यह सीधा संदेश अमेरिका के लिए था, लेकिन पुतिन के जाते ही जयशंकर ने जो कहा, उससे ट्रंप का खेमे में और भी बेचैनी बढ़ना तय है।
‘वीटो लगाने का हक किसी को नहीं’
एक NDTV कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिका को कड़े शब्दों में समझाया। उन्होंने साफ कहा कि किसी भी देश के लिए दूसरे देश के साथ भारत के रिश्तों पर Veto लगाना (रोक लगाना) गलत है। जयशंकर ने अमेरिका को सीधा संदेश दिया कि भारत अपने फैसलों में स्वतंत्र है।
जब उनसे पूछा गया कि पुतिन के इस हाई-प्रोफाइल दौरे से क्या अमेरिका के साथ भारत के रिश्ते मुश्किल में पड़ सकते हैं, तो उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। जयशंकर ने कहा, “हम पुतिन के बारे में निष्पक्ष मूल्यांकन के लिए किसी Western Press (पश्चिमी मीडिया) के पास नहीं जाएंगे।”
‘कूटनीति किसी को खुश करने के लिए नहीं’
जयशंकर ने याद दिलाया कि पिछले 70 से 80 सालों में दुनिया ने तमाम उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन भारत और रूस के रिश्ते दुनिया के सबसे मजबूत रिश्तों में से एक रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन या यूरोप के साथ रूस के रिश्तों में बदलाव आए होंगे, लेकिन भारत और रूस की दोस्ती लोगों की भावनाओं में देखी जा सकती है।
विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत को अपने फायदे के लिए खड़ा होना चाहिए। किसी भी देश की Diplomacy (कूटनीति) किसी और को खुश करने के लिए नहीं होती।
अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर बड़ा संकेत
रूस के साथ दोस्ती की वकालत करते हुए जयशंकर ने अमेरिका के साथ संबंधों पर भी बात की। उन्होंने बताया कि अमेरिका के साथ बातचीत में कोई कमी नहीं है और US के साथ भारत की Trade Deal जल्द ही पूरी हो सकती है। उन्होंने संकेत दिया कि यह डील कभी भी हो सकती है, यहां तक कि एक हफ्ते के भीतर भी।
दोस्ती पर कोई आंच नहीं
जयशंकर ने साफ कर दिया कि चाहे कोई कितना भी दबाव बना ले, भारत और रूस हमेशा दोस्त थे, हैं और रहेंगे। इस दोस्ती से किसी को नाराज होने का हक नहीं है, और अगर कोई होता भी है, तो इसमें भारत कुछ नहीं कर सकता।
रूस ने भारत की मदद के लिए कई बार अपनी Veto Power का इस्तेमाल किया है, जो किसी आधिकारिक कार्यवाही को रोकने की कानूनी शक्ति है। चाहे युद्ध का मामला हो या कोई और संकट, पुतिन हमेशा भारत के साथ खड़े रहे हैं। जयशंकर के बयान ने यह तय कर दिया है कि भारत अपनी शर्तों पर दुनिया से रिश्ते निभाएगा।
मुख्य बातें (Key Points)
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विदेश मंत्री जयशंकर ने साफ कहा कि भारत के रिश्तों पर कोई Veto नहीं लगा सकता।
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पुतिन के मूल्यांकन के लिए भारत को Western Press की जरूरत नहीं है।
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अमेरिका के साथ Trade Deal बहुत जल्द, शायद एक हफ्ते में भी हो सकती है।
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भारत और रूस की दोस्ती 70-80 सालों से अटूट है और दबाव के बावजूद बनी रहेगी।






