Fake Army Recruitment : पंजाब (Punjab) के फिरोजपुर (Firozpur) में उस वक्त अफरातफरी मच गई जब सोशल मीडिया पर वायरल एक फेक आर्मी भर्ती (Fake Army Recruitment) मैसेज के चलते हरियाणा (Haryana) और हिमाचल (Himachal) से सैकड़ों युवा सेना भर्ती के लिए फिरोजपुर कैंट स्थित सारागढ़ी गुरुद्वारा साहिब (Saragarhi Gurudwara Sahib) पहुंच गए। यह घटना 12 मई को सामने आई, जब लगभग 2500 युवा आधार कार्ड लेकर सुबह-सवेरे कथित भर्ती में शामिल होने पहुंचे, लेकिन वहां कोई भर्ती नहीं निकली थी।
फिरोजपुर के एसएसपी भूपिंदर सिंह सिद्धू (SSP Bhupinder Singh Sidhu) ने जानकारी दी कि वायरल हो रहे मैसेज की जांच की जा रही है। पुलिस को जैसे ही सारागढ़ी गुरुद्वारे में अचानक भीड़ जुटने की सूचना मिली, टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाला। पुलिस के अनुसार यह पूरी तरह एक फर्जी पोस्ट थी, और इसे फैलाने वालों की तलाश शुरू कर दी गई है।
हरियाणा के हिसार (Hisar), कैथल (Kaithal), जींद (Jind), भिवानी (Bhiwani), रेवाड़ी (Rewari) और कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) जैसे जिलों से रात के समय ही युवा फिरोजपुर पहुंच गए थे। सुबह 5 बजे भर्ती शुरू होने की उम्मीद थी, लेकिन कोई भी कर्मचारी मौके पर नहीं आया, जिससे युवाओं को संदेह हुआ। इसके बाद उन्होंने पूछताछ की तो सच्चाई सामने आई कि ऐसी कोई भर्ती सरकार की ओर से नहीं की जा रही।
पुलिस के अनुसार कई युवाओं ने बताया कि उन्हें यह जानकारी वॉट्सऐप ग्रुप (WhatsApp Group) में मिले एक मैसेज से मिली थी, जिसमें लिखा था कि जो भी सेना में भर्ती होना चाहते हैं, वे 12 मई को सुबह आधार कार्ड लेकर फिरोजपुर कैंट पहुंचे। इस फेक पोस्ट में यह भी कहा गया था कि भर्ती ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के तहत की जा रही है।
डीएसपी फतेह सिंह बराड़ (DSP Fateh Singh Barar) ने बताया कि फर्जी मैसेज की जांच के लिए टेक्निकल टीमें, स्पेशल ब्रांच और सीआईए यूनिट सक्रिय हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की है कि किसी भी भर्ती संबंधी सूचना को पहले संबंधित अधिकारियों या वेबसाइट्स से वेरिफाई करें, ताकि कोई शोषण न हो।
कुछ युवाओं ने यह भी कहा कि उन्हें लगा शायद सीजफायर (Ceasefire) के चलते भर्ती रद्द हो गई हो, लेकिन किसी भी अधिकारी ने उन्हें कोई ठोस जानकारी नहीं दी। युवाओं का कहना है कि वे देश सेवा का सपना लेकर पहुंचे थे, लेकिन अब वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं।
पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि यह फेक पोस्ट कहां से और किसके द्वारा वायरल की गई थी। जैसे ही दोषी का पता चलेगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह घटना युवाओं के भविष्य और सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के खतरे की एक गंभीर चेतावनी है।