चंडीगढ़ (The News Air) बंदी सिखों की रिहाई के लिए बीते 7 जनवरी से विरोध प्रदर्शन कर रहे सिख प्रदर्शनकारियों को किसान यूनियंस के बाद अब पूर्व आर्मी जवानों का भी सहयोग मिल रहा है। मोहाली के मटौर बैरियर के पास 31 एक्स-सर्विस मैन ने कौमी इंसाफ मोर्चा के बैनर तले बंदी सिखों की रिहाई की मांग की है। वहीं महिलाएं और बच्चे भी रोष मार्च कर बंदी सिखों की रिहाई की मांग कर रहे हैं। जिन बंदी सिखों की रिहाई की मांग की जा रही है उनमें पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह के हत्या दोषी भी शामिल हैं।
बता दें कि रोजाना 31 प्रदर्शनकारी चंडीगढ़ के बॉर्डर तक अपनी मांगों को लेकर बढ़ते हैं मगर उन्हें चंडीगढ़ में दाखिल नहीं होने दिया जा रहा। जिसके बाद वह प्रदर्शन कर वापस प्रदर्शन स्थल पर चले जाते हैं।
महिलाएं भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन में जुटी हुई हैं।
‘आतंकवादी नहीं सैनिक हैं हम’
प्रदर्शन में शामिल पूर्व सैनिकों में से एक ने बात करते हुए कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के लिए काफी शर्मनाक है। सैनिक होने के बावजूद उन्हें आगे नहीं जाने दिया गया। उसने कहा कि वह आतंकवादी नहीं बल्कि सैनिक हैं। आगे कहा कि जब वह पाकिस्तान के बॉर्डर पर लड़ते हुए जान देते हैं तो उन्हें शहीद घोषित किया जाता है। वहीं बाड़ एवं अन्य आपदा में सेवा करने पर उन्हें फरिश्ता कहा जाता है। वहीं अब जब अपनी कौम के लिए खड़े हैं तो उन्हें आतंकवादी बताया जा रहा है।
हिंसा के बाद पुलिस ज्यादा सतर्क
बता दें कि बीते 8 फरवरी को इस प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था और चंडीगढ़ कूच करने की कोशिश में इनकी पुलिस ने हिंसक झड़प हो गई थी। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई पुलिसकर्मियों पर तलवारों, गंडासियों, डंडो आदि से हमला कर दिया था। चंडीगढ़ पुलिस के 30 के लगभग जवान इसमें घायल हुए थे। इस घटना के बाद से चंडीगढ़ पुलिस और भी सतर्क हो गई है। वहीं मोहाली में भी विशेष फोर्स और बुलेटप्रूफ स्पेशल ट्रैक्टर स्टेशंड किए गए हैं।
अभी तक नहीं कोई गिरफ्तारी
पुलिस हिंसा की वीडियो फुटेज और फोटोज के आधार पर 30 के लगभग हमलावरों की तस्वीरें सार्वजनिक कर उनकी जानकारी मांग चुकी है। उनकी जानकारी देने वाले के लिए 10 हजार रुपए का इनाम भी रखा गया था। सेक्टर 36 थाना पुलिस ने चंडीगढ़ जिला अदालत के 2 वकीलों समेत लगभग आधा दर्जन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज दिया था। अभी तक मामले में किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। कई हमलावर नकाब पहन कर हमला करते नजर आए थे जिनकी पहचान नहीं हो सकी थी। मामले की जांच ऑपरेशन सेल को दी जा चुकी है।