भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए 30 साल में पहली बार खोला गया आर्मेनिया-तुर्किए बॉर्डर गेट

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Armenia-Turkey Reopen Border Gate
भूकंप पीड़ितों की मदद के लिए 30 साल में पहली

Armenia-Turkey Reopen Border Gate: तुर्किए (तुर्की) और सीरिया में विनाशकारी भूकंप से तबाही के बीच दुनियाभर से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. इस बीच इंसानियत के नाते पिछले तीन दशकों में पहली बार आर्मेनिया-तुर्किए बॉर्डर गेट (Armenia-Turkey Border Gate) खोला गया है. तुर्किए की न्यूज एजेंसी अनादोलु की रिपोर्ट के मुताबिक, 30 सालों में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दोनों देशों के बीच बॉर्डर गेट को खोला गया.

भूकंप पीड़ितों (Earthquake Victims) को मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए सीमा को खोलने को काफी अहम बताया जा रहा है.

आर्मेनिया-तुर्किए बॉर्डर गेट खुला

आर्मेनिया के साथ वार्ता के लिए तुर्किए के विशेष प्रतिनिधि सेरदार किलिक ने ट्विटर पर कहा कि आर्मेनिया का प्रतिनिधिमंडल 100 टन भोजन, दवा और पीने के पानी से लदे पांच ट्रकों के साथ अलीकन सीमा गेट से गुजरा. इस बीच आर्मेनिया गणराज्य की नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष, रूबेन रुबिनियन ने भी कहा, “मानवीय सहायता वाले ट्रक रविवार (12 फरवरी) आर्मेनियाई-तुर्किए सीमा पार कर गए और अपने रास्ते पर हैं. भूकंप प्रभावित क्षेत्र के लिए सहायता करने में सक्षम होने पर खुशी हुई.”

दशकों से तनावपूर्ण हैं संबंध

अल जज़ीरा की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्किए और आर्मेनिया के बीच संबंध दशकों से तनावपूर्ण हैं. दोनों देशों के बीच ये सीमा 1993 से बंद है. बताया जाता है कि दोनों देशों के बीच रिश्तें खराब हैं, क्योंकि पहले विश्व युद्ध के दौर में ओटोमन साम्राज्य में बड़ी संख्या में लोग मारे गए थे. आर्मेनिया का कहना है कि यह पूरी तरह से नरसंहार था. भुखमरी या हमले से हजारों की तादाद में लोग मारे गए थे. उस दौरान करीब 300,000 अर्मेनियाई लोगों की मौत हो गई थी.

करीब 30 देश आधिकारिक रूप से आर्मेनियाई नरसंहार को मान्यता देते हैं. हालांकि, तुर्किए नरसंहार की बात से इनकार करता है. बता दें कि 6 फरवरी को तुर्किए और सीरिया में आए भीषण भूकंप में 29 हजार से अधिक लोग मारे गए हैं. वहीं, लाखों लोग बेघर हुए हैं.

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