Ankita Bhandari Murder Case Verdict : उत्तराखंड (Uttarakhand) के चर्चित अंकिता भंडारी (Ankita Bhandari) हत्याकांड में आखिरकार इंसाफ की गूंज सुनाई दी है। कोटद्वार (Kotdwar) की अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (Additional District and Sessions Court) की जज रीना नेगी (Judge Reena Negi) ने इस बहुचर्चित मामले में मुख्य आरोपी पुलकित आर्य (Pulkit Arya) समेत सौरभ भास्कर (Saurabh Bhaskar) और अंकित गुप्ता (Ankit Gupta) को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने यह फैसला घटना के करीब 2 साल, 8 महीने और 12 दिन बाद सुनाया।
कोर्ट ने पुलकित आर्य पर 72 हजार रुपये, जबकि सौरभ और अंकित पर भी 72-72 हजार रुपये का अर्थदंड (Fine) लगाया है। इसके साथ ही राज्य सरकार की प्रतिकर योजना (Compensation Scheme) के तहत पीड़िता के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा दिलाने का आदेश भी जारी किया गया है।
‘एक्स्ट्रा सर्विस’ से इनकार पर हुई थी हत्या
यह दिल दहला देने वाली घटना 18 सितंबर 2022 को पौड़ी (Pauri) जिले के यमकेश्वर ब्लॉक (Yamkeshwar Block) में स्थित वनंत्रा रिजॉर्ट (Vanantara Resort) में हुई थी, जहां 19 वर्षीय अंकिता रिसेप्शनिस्ट के तौर पर कार्यरत थीं। रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य ने अंकिता पर ‘वीआईपी गेस्ट्स’ को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ देने का दबाव डाला। जब अंकिता ने इसका विरोध किया, तो पुलकित ने अपने दो कर्मचारियों सौरभ और अंकित के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी।
हत्या के बाद अंकिता का शव ऋषिकेश (Rishikesh) स्थित चीला शक्ति नहर (Cheela Shakti Canal) में फेंक दिया गया। एक सप्ताह बाद, 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) में मौत का कारण डूबना बताया गया, लेकिन शरीर पर चोट के निशान भी मिले थे।
47 गवाह और 500 पेज की चार्जशीट
इस मामले की जांच विशेष जांच दल (Special Investigation Team – SIT) ने की और 500 पन्नों की चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की गई। कुल 97 गवाहों को सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से 47 ने अदालत में गवाही दी। दोषियों पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़), और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम (Immoral Traffic Prevention Act) के तहत आरोप तय किए गए।
उत्तराखंड में भड़का था जन आक्रोश
इस निर्मम हत्याकांड के सामने आने के बाद उत्तराखंड में गुस्से की लहर दौड़ गई थी। खास बात यह रही कि मुख्य आरोपी पुलकित आर्य, भाजपा (BJP) के पूर्व नेता विनोद आर्य (Vinod Arya) का बेटा है। जैसे ही यह मामला सामने आया, भाजपा ने विनोद आर्य को पार्टी से बाहर कर दिया। घटना के बाद प्रशासन ने वनंत्रा रिजॉर्ट को बुलडोजर से गिरा दिया।
कोटद्वार, पौड़ी, ऋषिकेश और देहरादून (Dehradun) सहित कई शहरों में लोगों ने प्रदर्शन किए। सड़कों पर उतरकर जनता ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की थी।
सीबीआई जांच की मांग हुई थी खारिज
पीड़िता के परिजनों ने उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) में सीबीआई जांच की मांग की थी। कोर्ट ने इस मांग पर विचार करते हुए पुलिस की जांच प्रक्रिया की समीक्षा की और अंततः सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया।