Amritpal Singh NSA Parole: पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से सांसद और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर पैरोल की मांग की है। यह याचिका संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में शामिल होने के लिए लगाई गई है, जो 1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलने वाला है।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या अदालत एनएसए (NSA) के तहत बंद इस कट्टरपंथी नेता को अस्थाई रिहाई देगी? गुरुवार को चीफ जस्टिस शील नागू की बेंच के सामने यह मामला आया था, लेकिन कोर्ट ने इस पर शुक्रवार को सुनवाई करने का फैसला किया।
‘संवैधानिक जिम्मेदारी का हवाला’
अमृतपाल सिंह ने अपनी याचिका में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) की धारा 15 का हवाला दिया है। उनका तर्क है कि असाधारण परिस्थितियों में अस्थाई रिहाई का प्रावधान है। चूंकि वह एक निर्वाचित सांसद हैं, इसलिए संसद सत्र में भाग लेना उनकी ‘संवैधानिक जिम्मेदारी’ है।
उनके वकील ने कोर्ट में दलील दी कि पिछली बार भी हाईकोर्ट ने उन्हें लोकसभा में शपथ लेने के लिए सशर्त अनुमति दी थी, जिसे उन्होंने पूरा किया था। हालांकि, बेंच ने एक अहम सवाल उठाया कि जब तक एनएसए डिटेंशन पर कोर्ट की रोक नहीं है, तब तक उनकी संसद में व्यक्तिगत उपस्थिति कैसे संभव हो पाएगी।
‘पंजाब सरकार को आदेश’
शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सरकार को एक हफ्ते के अंदर इस मामले में उचित आदेश पास करने को कहा है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पंजाब सरकार क्या फैसला लेती है और कोर्ट का अंतिम रुख क्या रहता है।
फैसले पर पूरे देश की नजरें टिकी हैं क्योंकि यह मामला सिर्फ एक कैदी की पैरोल का नहीं, बल्कि कानून, राष्ट्रीय सुरक्षा और एक जनप्रतिनिधि के अधिकारों से जुड़ा है। अमृतपाल ने 13 नवंबर को ही पैरोल के लिए अर्जी दी थी, जिस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हो पाया था।
‘जानें पूरा मामला’
अमृतपाल सिंह एक कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक है, जिस पर कई गंभीर आरोप हैं। फरवरी 2023 में अजनाला थाने पर हुए हमले के बाद वह सुर्खियों में आया था, जिसमें उसने अपने एक साथी को छुड़ाने के लिए पुलिस स्टेशन पर हमला करवा दिया था। इस घटना में एसपी जुगराज सिंह समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे। इसके बाद उस पर और उसके साथियों पर एनएसए (रासुका) लगाकर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था। जेल में रहते हुए ही उसने लोकसभा चुनाव लड़ा और खडूर साहिब सीट से जीत दर्ज की। अब वह अपनी संसदीय जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए जेल से बाहर आने की कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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अमृतपाल सिंह ने संसद के शीतकालीन सत्र (1-19 दिसंबर) के लिए पैरोल मांगी है।
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हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को एक हफ्ते में आदेश पास करने का निर्देश दिया है।
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अमृतपाल ने NSA की धारा 15 के तहत ‘संवैधानिक जिम्मेदारी’ का हवाला दिया।
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वह वर्तमान में असम की डिब्रूगढ़ जेल में एनएसए के तहत बंद है।






