पन्नू पर भारत-अमेरिका तनाव के बीच दिल्ली से बड़ा ऐक्शन, ‘सिख्स फॉर जस्टिस’

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने सिख फॉर जस्टिस(SFJ) को यूएपीए के तहत अगले पांच सालों के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। अधिकारियों के मुताबिक, यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA की ओर से की गई जांच में मिले नए सबूतों के आधार पर लिया गया है। ये सबूत SFJ और उसके संरक्षक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ जुटाए गए हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ (SFJ) और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज कर रखे हैं। पिछले साल एजेंसी ने पंजाब और चंडीगढ़ में उनकी संपत्तियों को भी अपने कब्जे में ले लिया था।

पहली बार 2019 में किया था बैन

SFJ को भारत में आतंक फैलाने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत पहली बार 10 जुलाई 2019 को पांच सालों के लिए प्रतिबंधित किया गया था। NIA के मुताबिक, पन्नू पंजाब और भारत के अन्य हिस्सों में धमकियों और हिंसा के जरिए आतंक फैलाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने में अहम भूमिका निभा रहा है। साथ ही, एजेंसी का कहना है कि उसकी संस्था ‘सिख्स फॉर जस्टिस’ भोले-भाले युवाओं को गुमराह कर उन्हें आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग कर रही है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में पता चला है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) का मुख्य संचालक है। वो सोशल मीडिया के जरिए पंजाब के गैंगस्टरों और युवाओं को भड़काता रहा है कि वो एक अलग देश ‘खालिस्तान’ बनाने के लिए लड़ाई लड़ें। ये भारत की सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ है। NIA की जांच में ये भी सामने आया है कि पन्नू ने सार्वजनिक तौर पर भारत के बड़े राजनयिकों और सरकारी अधिकारियों को धमकियां दी हैं।

कौन है जसविंदर सिंह उर्फ मुल्तानी?

NIA की जांच के मुताबिक, ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) के पंजाब में अप्रैल 2022 के मॉडल जेल टिफिन बम धमाके में भी शामिल होने का संदेह है। तब जर्मनी से काम करने वाले जसविंदर सिंह उर्फ मुल्तानी ने इस हमले को अंजाम दिया था। मुल्तानी SFJ का सदस्य है। यह भारत, पाकिस्तान और दूसरे देशों में रहने वाले खालिस्तान समर्थकों के संपर्क में था। NIA की जांच के अनुसार वो इन लोगों का इस्तेमाल हिंसा और आतंक फैलाने के लिए कर रहा था। मुल्तानी सोशल मीडिया के जरिए पंजाब के युवाओं को ढूंढ़ता था, उन्हें आतंकवाद के लिए तैयार करता था और उन्हें भड़काता था। एजेंसी के मुताबिक, वो पाकिस्तान से भारत में हथियार, गोला-बारूद और विस्फोटक लाने के लिए भी धन इकट्ठा कर इस काम में सहयोग कर रहा था।

अमेरिका के न्याय विभाग के मुताबिक, निखिल गुप्ता नाम के एक भारतीय व्यक्ति को इसी साल जून में चेक गणराज्य से गिरफ्तार कर अमेरिका लाया गया था। 53 साल के निखिल पर आरोप है कि वो गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में शामिल था।अमेरिकी न्याय विभाग का कहना है कि इस साजिश में भारत सरकार का एक अधिकारी भी शामिल था।

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