‘भारत के साथ विवाद सुलझाने को सीरियस नहीं चीन’, अमेरिका का बड़ा दावा

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US On India-China Border Issue: अमेरिकी (America) प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने भारत (India) और चीन (China) सीमा विवाद पर बयान दिया है. उन्होंने दोनों देशों के बीच बातचीत के जरिए सीमा विवाद के समाधान का समर्थन करने की बात दोहराई. कहा कि अमेरिका को इस बात के बेहद कम संकेत दिखते हैं कि चीन इन वार्ताओं को सही मंशा और गंभीरता से ले रहा है.

दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने पीटीआई-भाषा को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि चीन के साथ भारत का सीमा विवाद पर हमारा रुख पहले जैसा ही है. हम दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत के जरिए सीमा विवाद के समाधान का समर्थन करते हैं.

LAC पर होने वाले घटना पर नजर- अमेरिका

डोनाल्ड लू ने कहा कि इसके बावजूद हमें इस बात के बेहद कम संकेत मिले हैं कि चीन सरकार सही मंशा से इन मुद्दों को गंभीरता से ले रही है. हम जो देखते हैं वह इसके विपरीत है. हम नियमित रूप से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर होने वाली उकसावे की घटनाओं को देख रहे हैं.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत चीन की चुनौती के मद्देनजर देखते हुए अमेरिका को खुद के साथ खड़े होने की उम्मीद कर सकता है.

चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश के स्थानों के नाम बदले

दक्षिण और मध्य एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा हमने गलवान घाटी में हुए संघर्ष के दौरान 2020 में उस संकल्प को दर्शाया और हमने भारत के साथ सूचना साझा करने के अलावा सैन्य उपकरणों और अभ्यासों पर भी सहयोग के अवसर तलाशे हैं. वहीं पूर्वी लद्दाख इलाके में मई 2020 में पैंगोंग झील इलाके में हुई झड़प से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था.

जून 2020 में ही गलवान घाटी में भयंकर संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई है. हाल ही में, भारतीय सेना ने भूटान में अमो चू नदी घाटी में चीन के तरफ से बड़े पैमाने पर निर्माण पर गंभीर चिंता व्यक्त की थी. इसके बाद चीन ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों का नाम बदलकर इसे दक्षिणी तिब्बत नाम दिया है.

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