चंडीगढ़, 22 जुलाई (The News Air) पंजाब शहरी योजना एवं विकास प्राधिकरण (पुडा ) द्वारा भूमि अधिग्रहण को और अधिक सुचारू बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब कैबिनेट ने आज लैंड पूलिंग नीति 2025 में संशोधनों को मंजूरी दे दी।
इस संबंधी फैसला आज यहां मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उनके आधिकारिक निवास पर हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
इस बारे में विवरण देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इन संशोधनों का उद्देश्य आवास निर्माण और शहरी विकास विभाग की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को और अधिक कार्यकुशल, प्रभावशाली और आकर्षक बनाना है। पंजाब सरकार ने इससे पहले भूमि मालिकों, प्रमोटरों और कंपनियों को शहरी विकास में भागीदार बनाने और लैंड पूलिंग में शामिल होने के लिए प्रेरित करने हेतु लैंड पूलिंग नीति 2025 बनाई थी। इस नीति के बारे में फीडबैक एकत्र करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न गांवों के सरपंचों, विभिन्न यूनियनों के प्रतिनिधियों और किसानों के साथ कई बैठकें की थीं।
इन बैठकों में मिले सुझावों के आधार पर नीति में संशोधन किए गए हैं ताकि इस नीति को और अधिक उन्नत, तार्किक और विकासोन्मुख बनाया जा सके। इस संशोधित नीति के तहत भूमि मालिकों को अब एक कनाल अधिग्रहित की गई भूमि के बदले 125 वर्ग गज का प्लॉट और 25 गज व्यावसायिक भूमि मिलेगी। इसके अलावा विभाग द्वारा लेटर ऑफ इंटेंट (एल.ओ.आई.) जारी किया जाएगा, जिससे भूमि मालिक बैंकों से ऋण लेने के योग्य बन सकेंगे।
इसके अलावा एल.ओ.आई. जारी करने पर विभाग द्वारा भूमि मालिकों को गुजारा भत्ते के रूप में एकमुश्त 50 हजार रुपए दिए जाएंगे। कब्जा लेने के बाद भूमि मालिकों को सालाना एक लाख रुपए मिलेंगे। इस सालाना राशि में हर वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जो अधिग्रहित की गई भूमि का कब्जा लेने से शुरू होगी और संबंधित पक्षों को विकसित किए गए प्लॉट सौंपने तक जारी रहेगी।
यह भी फैसला हुआ कि 50 एकड़ या उससे अधिक भूमि की लैंड पूलिंग के मामलों में एक्सटर्नल डेवलपमेंट चार्जेज़ (ई.डी.सी.) के अलावा कोई और खर्च नहीं लिया जाएगा। इसके अलावा भूमि मालिकों को व्यावसायिक जगह न लेने की स्थिति में बदले में व्यावसायिक जगह से तीन गुना अधिक आवासीय स्थान मिलेगा।