प्रयागराज (Prayagraj), 14 जनवरी (The News Air): भारत में होने वाले सबसे बड़े आध्यात्मिक समागम महाकुंभ 2025 के लिए इस बार तकनीकी नवाचार का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) ने भाषिणी (Bhashini) का उपयोग करते हुए 11 भारतीय भाषाओं में तकनीकी सहायता उपलब्ध कराने का फैसला किया है। यह सुविधा महाकुंभ 2025 के दौरान 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज में उपलब्ध होगी।
‘डिजिटल खोया-पाया समाधान’ (Digital Lost and Found Solution) : महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं को सहायता देने के लिए भाषिणी का ‘डिजिटल खोया-पाया समाधान’ क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगा।
- बहुभाषी समर्थन (Multilingual Support): स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की भाषाओं में खोई/पाई गई वस्तुओं की जानकारी पंजीकृत की जा सकेगी।
- रियल-टाइम अनुवाद (Real-Time Translation): किसी भी पाठ या ध्वनि संदेश का वास्तविक समय में अनुवाद होगा।
- नेविगेशन और चैटबॉट: तीर्थयात्रियों को कियोस्क और मोबाइल ऐप्स के माध्यम से नेविगेशन और सवालों के जवाब बहुभाषी चैटबॉट के जरिए मिलेंगे।
- पुलिस सहयोग: यूपी पुलिस के साथ आसान संवाद स्थापित करने के लिए भाषिणी का उपयोग किया जाएगा।
कुंभसहायक चैटबॉट: महाकुंभ में तकनीकी सहयोग का नया चेहरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया कुंभसहायक चैटबॉट महाकुंभ 2025 का एक अहम हिस्सा होगा।
- यह एआई-समर्थित वॉयस-सक्षम चैटबॉट है।
- यह Hindi, English, और अन्य 9 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध होगा।
- तीर्थयात्रियों को सूचना, नेविगेशन और सवालों के जवाब वास्तविक समय में उपलब्ध कराए जाएंगे।
यूपी 112 हेल्पलाइन: भाषाई बाधाओं का समाधान : महाकुंभ के दौरान देशभर और विदेशों से आने वाले तीर्थयात्रियों को UP Police 112 Helpline पर भाषिणी की ‘वार्तालाप (Converse)’ सुविधा के जरिए भाषा अनुवाद की मदद मिलेगी।
- भाषिणी ऐप की मदद से यूपी पुलिस ने फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
- श्रद्धालु अपनी शिकायतें अपनी मूल भाषा में दर्ज करवा सकेंगे।
- तकनीकी नवाचार से पुलिस और श्रद्धालुओं के बीच संवाद को सहज बनाया जाएगा।
तकनीकी नवाचार का उद्देश्य: भाषिणी का उपयोग न केवल महाकुंभ के दौरान लाखों श्रद्धालुओं को सहायता प्रदान करेगा, बल्कि तकनीकी नवाचार और समावेशिता को भी बढ़ावा देगा। यह डिजिटल इंडिया की परिकल्पना को साकार करने और Prayagraj Kumbh 2025 को एक यादगार अनुभव बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।
महाकुंभ 2025 के आयोजन में भाषिणी का यह तकनीकी सहयोग न केवल श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाएगा, बल्कि भारत की डिजिटल प्रगति का भी प्रतीक बनेगा। 11 भाषाओं में उपलब्ध यह सुविधा हर व्यक्ति के लिए एक समावेशी और उपयोगी अनुभव सुनिश्चित करेगी।