महाराष्ट्र की राजनीति में गजब तमाशा, दोस्त दुश्मन बन गए,

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मुंबई, 18 अप्रैल (The News Air): महाराष्ट्र की राजनीति में गजब का तमाशा देखने को मिल रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में जिन दोस्तों का चुनाव प्रचार किया करते थे इस चुनाव में वे दुश्मन बन गए हैं और जिन्हें अपना दुश्मन कहते थे वे इस चुनाव में दोस्त बनकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। ऐसी गजब की तस्वीर महाराष्ट्र में ही दिखाई दे रही है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण उद्धव ठाकरे, देवेंद्र फडणवीस, शरद पवार, अजित पवार, शरद पवार, अशोक चव्हाण जैसे तमाम नेता हैं।महाराष्ट्र में अब तक के लोकसभा चुनाव शिवसेना और बीजेपी मिलकर लड़ने थे। इनके सामने कांग्रेस और एनसीपी की थी। लेकिन पिछले पांच साल में महाराष्ट्र की राजनीति में बड़े उलटफेर हुए। बीजेपी की सहयोगी शिवसेना और कांग्रेस की एनसीपी में बड़ी फूट पड़ गई। कांग्रेस फूटी नहीं, परंतु पार्टी के कई सारे दिग्गज नेताओं ने कांग्रेस छोड़ दी। अशोक चव्हाण, संजय निरूपम, मिलिंद देवड़ा जैसे बड़े चेहरों के पार्टी छोड़ने से कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ है। पार्टी में पड़ी फूट और बगावत ने नेताओं को दुश्मन से दोस्त बना दिया और दोस्त से दुश्मन बना दिया। जिनके साथ कभी मंच साझा कर सामने वाली पार्टी के नेता को भ्रष्टाचारी, घोटालेबाज और पता नहीं कितने आरोप लगाए। आज उन्हीं के साथ मंच शेयर करना उनकी मजबूरी बन गई है। जिन्हें घोटालेबाज बोलते थे उन्हीं का आज गुणगान करने से थक नहीं रहे हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, देवेंद्र फडणवीस, अमित शाह, उद्धव ठाकरे एक मंच से खड़े होकर अपने परंपरागत विरोधी शरद पवार, अजित पवार, अशोक चव्हाण, राहुल गांधी, सोनिया गांधी सहित तमाम नेताओं पर आरोपों की बरसात करते थे आज वही उद्धव ठाकरे शरद पवार, राहुल गांधी का गुणगान कर रहे हैं और पीएम मोदी, शाह और फडणवीस को कोस रहे हैं और दूसरी ओर जो प्रधानमंत्री मोदी अजित पवार पर 70 हजार करोड़ रुपये के घोटाले लगाते थे, अशोक चव्हाण को आदर्श घोटाले का आरोपी बताते थे आज वही पीएम मोदी अजित पवार, चव्हाण के साथ मंच से उद्धव ठाकरे पर घोटाले का आरोप लगा रहे हैं।

अशोक चव्हाण और प्रताप पाटील ने साझा किया मंच

नांदेड़ में केंद्रीय मंत्री अमित शाह की रैली में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और बीजेपी उम्मीदवार प्रताप पाटील चिखलीकर ने मंच साझा किया। सन 2019 में विधायक चिखलीकर बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी ने चिखलीकर को कांग्रेस के अशोक चव्हाण के सामने उम्मीदवार बनाया। उस चुनाव प्रचार में पीएम मोदी ने आदर्श सोसायटी घोटाले को लेकर चव्हाण पर जमकर निशाना साधा था, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा था कि चव्हाण नेता नहीं एक डीलर हैं। बीते फरवरी में चव्हाण बीजेपी में शामिल हो गए। बीजेपी ने उन्हें सीधे राज्यसभा का सदस्य बना दिया। अब वही चव्हाण इस चुनाव में चिखलीकर सहित बीजेपी के अन्य उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं।

सुले के खिलाफ अजित पवार ने पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा

बारामती लोकसभा से अजित पवार अपनी चचेरी बहन व शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले का चुनाव प्रबंधन करते थे। अब सुले के खिलाफ अजित पवार ने पत्नी सुनेत्रा पवार को मैदान में उतारा है। इस लड़ाई ने अजित के तत्काल परिवार में भी दरार पैदा कर दी है क्योंकि उनके छोटे भाई श्रीनिवास और उनका परिवार सुले के समर्थन में सामने आ गया है। अजित पवार अब सुप्रिया सुले के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं। टीवी और फिल्म अभिनेता अमोल कोल्हे को अजित पवार ने ही एनसीपी में शामिल किया और उन्हें 2019 में शिरूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद शिवाजीराव आढलराव-पाटिल के खिलाफ टिकट दिया। कोल्हे जीतकर भी गए। पार्टी में फूट के बाद कोल्हे शरद पवार खेमें में चले गए। इस बार कोल्हे को फिर से शरद पवार ने उतारा है।कोल्हे को हराने के लिए अजित पवार फिर आढलराव-पाटील को अजित पवार ने उम्मीदवार बनाने के लिए अपनी पार्टी में शामिल कर लिया है। अब अजित पवार अपने पूर्व शिष्य कोल्हे के खिलाफ प्रचार करेंगे। सन 2019 के विधानसभा चुनाव में पंकजा को उनके चचेरे भाई और एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने हरा दिया था। धनंजय अब अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी में हैं और वह सत्तारूढ़ गठबंधन की उम्मीदवार पंकजा के लिए प्रचार करेंगे।

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