नई दिल्ली, 20 दिसंबर (The News Air) राज्यसभा में बुधवार को प्रश्न काल के दौरान केंद्रीय मंत्री अपने स्थान पर खड़े रहे। केंद्रीय मंत्रियों के साथ साथ भाजपा के राज्यसभा सांसद भी इस दौरान अपने स्थान पर खड़े रहे। सत्ता पक्ष का कहना था कि वह उपराष्ट्रपति के सम्मान और विपक्ष के विरोध में अपने स्थान पर खड़े हैं।
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि राज्यसभा के सभापति व उपराष्ट्रपति का अपमान किया गया। इसके खिलाफ और उपराष्ट्रपति के सम्मान में हम प्रश्न काल के दौरान अपने स्थान पर खड़े रहेंगे।
सत्ता पक्ष के इस कदम को बीजू जनता दल जैसी कुछ अन्य पार्टियों का समर्थन भी मिला।
बीजू जनता दल के राज्यसभा सांसद भी प्रश्न काल के दौरान अपनी सीट पर खड़े रहे। हालांकि कुछ देर बाद सभापति के निवेदन पर सत्ता पक्ष समेत सभी सांसद अपनी सीटों पर वापस बैठ गए।
गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने मंगलवार को सदन के बाहर संसद की सीढ़िया पर उपराष्ट्रपति की आपत्तिजनक मिमिक्री की थी।
सांसद के इस प्रकार के व्यवहार पर सभापति ने भी दुख एवं पीड़ा व्यक्त की। इस पर उपराष्ट्रपति कांग्रेस सांसदों से कह चुके है, “सोचिए कि मेरे दिल पर क्या गुजर रही होगी जब एक सांसद द्वारा उपराष्ट्रपति का मजाक उड़ाया जा रहा था और आपके एक वरिष्ठ नेता वीडियोग्राफी कर रहे थे।”
वहीं इस दौरान सदन में विपक्ष के सांसद संसद की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गृहमंत्री के बयान की मांग करते रहे।
विपक्ष का कहना था कि संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर गृहमंत्री राज्यसभा में आकर अपना वक्तव्य रखें। अपनी इस मांग को लेकर विपक्ष के सदस्यों ने राज्यसभा में नारेबाजी भी की।
राज्यसभा में विपक्ष के गिने-चुने सांसद ही बचे हैं। 18 दिसंबर को राज्यसभा से कुल 45 सांसद सस्पेंड कर दिए गए थे। राज्यसभा से अब तक विपक्ष के 46 सांसदों को निलंबित किया जा चुका।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में सरकार द्वारा सांसदों को सस्पेंड करने के दमनकारी फैसले पर चर्चा हुई। कांग्रेस सड़क से संसद तक जनता की आवाज उठाने के लिए प्रतिबद्ध है, लोकतंत्र की रक्षा के लिए संकल्पित है।