Operation Sindoor India Pakistan Conflict : भारत और पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के बाद से चला आ रहा तनाव अब धीरे-धीरे शांत हो रहा है, लेकिन सोमवार को हुई डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (DGMO) स्तर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक बार फिर पाक को चेतावनी दे दी गई। एयर फोर्स के डीजी ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती (Air Marshal Avadhesh Kumar Bharti) ने प्रेस मीट में साफ कर दिया कि भारतीय सेना की कार्रवाई आतंक के खिलाफ थी और इसे युद्ध समझना पाक की भारी भूल थी।
प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत एक खास वीडियो से हुई, जिसमें भारतीय सेना के ऑपरेशंस की झलकियाँ दिखाई गईं और पृष्ठभूमि में रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinkar) की कविता ‘जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है’ सुनाई दी। यह कविता न केवल भारतीय सेना की ताकत को दर्शा रही थी बल्कि पाकिस्तानी नेतृत्व की मानसिकता पर भी सीधा प्रहार कर रही थी।
जब प्रेस कॉन्फ्रेंस अपने अंतिम चरण में थी, तो एक पत्रकार के सवाल पर एयर मार्शल भारती ने तुलसीदास (Tulsidas) द्वारा रचित रामचरितमानस (Ramcharitmanas) की चौपाई सुनाते हुए कहा – “विनय ना मानत जलधि जड़ गए तीन दिन बीति। बोले राम सकोप तब भय बिनु होय न प्रीति।” इस पर पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा और एक नया जोश भर गया।
एयर मार्शल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे बताया कि भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तानी सीमा में घुसकर कई ठिकानों को निशाना बनाया और चीनी मिसाइलों (Chinese Missiles) को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की सेना भारतीय डिफेंस सिस्टम को भेदने में पूरी तरह विफल रही।
भारतीय सेना की स्पष्ट चेतावनी थी कि अगर जरूरत पड़ी तो अगला मिशन और अधिक प्रभावशाली होगा। एयर मार्शल ने यह भी कहा कि हमारे सभी इक्विपमेंट्स (Equipments) पूर्णतः ऑपरेशनल हैं और भविष्य में जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जाएगा।
सेना ने यह भी बताया कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक जवाबी कार्रवाई थी और इसका उद्देश्य आतंकवाद के खिलाफ सीधा संदेश देना था, न कि किसी देश के खिलाफ युद्ध। लेकिन पाकिस्तान की सेना ने इसे युद्ध मान लिया, जो उनकी रणनीतिक भूल साबित हुई।
भारतीय सेना की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत आतंक के खिलाफ लड़ाई में कोई नरमी नहीं बरतेगा और अगर दुश्मन उकसाएगा, तो उसे राम की भाषा में ही जवाब मिलेगा।