Agniveer Jashanpreet Singh Death : पंजाब के फिरोजपुर जिले में उस वक्त मातम पसर गया जब वहां के एक होनहार अग्निवीर जवान, जश्नप्रीत सिंह की झारखंड में ट्रेनिंग के दौरान अचानक मौत हो गई। देश सेवा का सपना लेकर घर से निकला बेटा अब कभी वापस नहीं लौटेगा, इस खबर ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है।
दौड़ते वक्त रुका दिल
जानकारी के मुताबिक, जश्नप्रीत सिंह झारखंड में अपनी ट्रेनिंग पूरी कर रहे थे। 18 तारीख की सुबह करीब 8 बजे जब वे मैदान में दौड़ लगा रहे थे, तभी उन्हें अचानक दिल का दौरा (Heart Attack) पड़ा। उन्हें तुरंत संभालने की कोशिश की गई, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दौड़ते-दौड़ते ही उनकी सांसें थम गईं और देश ने एक और युवा जवान खो दिया।
सिर्फ 20 दिन बाद आना था घर
परिवार के लिए यह दुख इसलिए भी पहाड़ जैसा है क्योंकि जश्नप्रीत की ट्रेनिंग लगभग पूरी हो चुकी थी। वे 1 मई से ट्रेनिंग पर थे और करीब साढ़े 6 महीने का वक्त गुजर चुका था। उनका प्रशिक्षण 12 दिसंबर को खत्म होने वाला था, यानी सिर्फ 20-22 दिन बाद वे अपने घर लौटने वाले थे। लेकिन घर आने से पहले ही उनकी तिरंगे में लिपटी देह आने की खबर आ गई।
पिता के बाद बेटा भी गया
जश्नप्रीत के छोटे भाई ने बताया कि उनके सिर से पिता का साया 5 साल पहले ही उठ चुका था। घर में जश्नप्रीत ही सबसे बड़े थे और पूरे परिवार की जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी। पिता के जाने के बाद वही परिवार का एकमात्र सहारा (Breadwinner) थे। अब उनके जाने के बाद घर में सिर्फ बूढ़ी मां और एक छोटा भाई रह गया है। जिस बेटे से परिवार को आस बंधी थी, उसके जाने से अब उनके सामने अंधेरा छा गया है।
अप्रैल 2025 में हुई थी भर्ती
जश्नप्रीत सिंह अग्निवीर योजना के तहत इसी साल अप्रैल 2025 में भर्ती हुए थे। 25-26 अप्रैल को वे ट्रेनिंग के लिए रवाना हुए थे और 1 मई से उनकी ट्रेनिंग शुरू हुई थी। महज 7 महीने पहले ही उनके फौजी बनने पर परिवार ने खुशियां मनाई थीं, यह सोचकर कि अब गरीबी के दिन दूर होंगे और बेटे का भविष्य संवर जाएगा। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था।
सरकार से मदद की गुहार
गांव के सरपंच अमरजीत सिंह और पीड़ित परिवार ने सरकार से मदद की अपील की है। उनका कहना है कि परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत कमजोर है। उन्होंने केंद्र और पंजाब सरकार से मांग की है कि जश्नप्रीत के छोटे भाई को सरकारी नौकरी दी जाए और मां को पेंशन की सुविधा मिले, ताकि यह परिवार अपना गुजारा कर सके। साथ ही सेना की तरफ से मिलने वाली सभी सुविधाएं भी जल्द से जल्द मुहैया कराई जाएं।
जानें पूरा मामला (Background)
फिरोजपुर के रहने वाले जश्नप्रीत सिंह का चयन अग्निवीर के तौर पर हुआ था। वे अपनी ट्रेनिंग के लिए झारखंड गए हुए थे। 12 दिसंबर को उनकी पासिंग आउट परेड या ट्रेनिंग खत्म होनी थी, जिसके बाद उन्हें घर आना था। लेकिन 18 तारीख को ट्रेनिंग के दौरान कार्डियक अरेस्ट से उनकी मृत्यु हो गई।
मुख्य बातें (Key Points)
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फिरोजपुर के अग्निवीर जश्नप्रीत सिंह की झारखंड में ट्रेनिंग के दौरान मौत।
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18 तारीख की सुबह दौड़ते समय आया हार्ट अटैक।
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12 दिसंबर को ट्रेनिंग खत्म करके घर लौटने वाले थे जश्नप्रीत।
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5 साल पहले पिता की हो चुकी है मौत, परिवार में अकेले कमाने वाले थे।
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सरपंच और परिवार ने छोटे भाई के लिए नौकरी और आर्थिक मदद की मांग की।






