नई दिल्ली (The News Air): अग्निपथ योजना (Agnipath scheme) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) 27 फरवरी को फैसला सुनाएगा। जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार (Central Government) की अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट 27 जनवरी यानि सोमवार को फैसला सुनाएगा। बता दें कि अबतक भारतीय सेना के लगभग 19,000 अग्निवीरों ने जनवरी 2023 से पूरे भारत में लगभग 40 केंद्रों पर प्रशिक्षण शुरू किया। जबकि दूसरे बैच के 21,000 अग्निवीर मार्च 2023 में प्रशिक्षण शुरू करेंगे। अग्निवीरों में से 25% अग्निवीरों को चार साल के कार्यकाल के अंत में भारतीय सेना द्वारा बनाए रखा जाएगा।
फ़िलहाल अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच फैसला सुनाएगी। हालांकि दिल्ली हाई कोर्ट में केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना का समर्थन किया है। अब हाई कोर्ट अपने फैसले में यह तय करेगा कि केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना सही है या नहीं। अब सब की निगाहें कोर्ट के फैसले पर हैं। बता दें कि इस योजना का समर्थन के साथ साथ विरोध भी हो रहा है।
देश में कई लोगों का मानना है कि यह योजना युवाओं और देश के हित में नहीं है। वहीं कई लोगों का मानना है कि यह योजना काफी अच्छी है। इससे युवाओं को रोजगार के साथ साथ एक नई दिशा मिलेगी और एक सभ्य समाज का निर्माण होगा। सशस्त्र बलों में युवाओं की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना पिछले साल 14 जून को शुरू की गई।
गौरतलब है कि अग्निपथ योजना के नियमों के अनुसार, साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवा आवेदन करने के पात्र हैं और उन्हें चार साल के कार्यकाल के लिए शामिल किया जाएगा। योजना के तहत, उनमें से 25 प्रतिशत की सेवा नियमित कर दी जाएगी। अग्निपथ की शुरुआत के बाद इस योजना के खिलाफ कई राज्यों में विरोध शुरू हो गया था। बाद में सरकार ने 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया। योजना के विरोध में दायर की गई याचिका पर कोर्ट के सुनवाई का इंतजार है।