उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में आज दोपहर करीब 3:24 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता 2.8 मापी गई और इसका केंद्र धरती से 10 किलोमीटर की गहराई में था। इससे पहले सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को दिल्ली में 4.0 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया था, जिसने राजधानी और आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया था।
दिल्ली और गाजियाबाद के भूकंप में क्या रहा अंतर?
दिल्ली और गाजियाबाद के भूकंप में सबसे बड़ा अंतर उनकी तीव्रता और गहराई में रहा।
दिल्ली भूकंप (धौला कुआं):
- तीव्रता: 4.0
- गहराई: 5 किलोमीटर
- प्रभाव: झटके ज्यादा तेज़ थे, जिससे लोग अपने घरों से बाहर निकल आए।
गाजियाबाद भूकंप:
- तीव्रता: 2.8
- गहराई: 10 किलोमीटर
- प्रभाव: हल्के झटके, जिन्हें कुछ ही लोगों ने महसूस किया।
कम तीव्रता और गहराई के कारण गाजियाबाद में भूकंप का प्रभाव अपेक्षाकृत कम रहा। हालांकि, लगातार आ रहे झटकों ने दिल्ली-NCR में लोगों की चिंता जरूर बढ़ा दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी सतर्क रहने की सलाह
दिल्ली में आए भूकंप के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक संदेश साझा किया था। उन्होंने लिखा:
“दिल्ली और आस-पास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। सभी से आग्रह है कि वे शांत रहें, सुरक्षा निर्देशों का पालन करें और संभावित आफ्टरशॉक्स से सतर्क रहें। अधिकारी स्थिति पर नजर रख रहे हैं।”
दिल्ली किस भूकंपीय जोन में आता है?
राजधानी दिल्ली को भारत के भूकंपीय जोनिंग मैप में सिस्मिक जोन-IV में रखा गया है। यह जोन देश में दूसरी सबसे संवेदनशील श्रेणी में शामिल है। दिल्ली की भौगोलिक स्थिति इसे हिमालयन टेक्टोनिक प्लेट्स के करीब बनाती है, जिससे यह इलाका भूकंप के लिए अधिक संवेदनशील हो जाता है।
दिल्ली के करीब स्थित टकराव क्षेत्र, जैसे कि हिमालयी बेल्ट, से उत्पन्न झटके यहां बार-बार महसूस किए जाते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिल्ली में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है, इसलिए नागरिकों को हमेशा तैयार रहना चाहिए।
क्या होनी चाहिए आपकी तैयारी?
भूकंप के समय और बाद में इन बातों का पालन करना बेहद ज़रूरी है:
- सुरक्षित स्थान पर रहें – जैसे कि टेबल के नीचे या किसी मजबूत फर्नीचर के पास।
- खिड़कियों और शीशे से दूर रहें।
- बिजली उपकरणों को बंद करें।
- भूकंप के बाद आफ्टरशॉक्स के लिए सतर्क रहें।
दिल्ली और गाजियाबाद में लगातार आ रहे झटके इस बात का संकेत हो सकते हैं कि इस इलाके में भूगर्भीय हलचलें सक्रिय हैं। नागरिकों को सुरक्षा उपायों की जानकारी होनी चाहिए ताकि किसी भी आपदा से निपटा जा सके।