The News Air- चंडीगढ़- पंजाब से राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी ने 5 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। इनमें जालंधर के रहने वाले क्रिकेटर हरभजन सिंह, फगवाड़ा स्थित लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU), पार्टी के पंजाब सह इंचार्ज राघव चड्ढा, संजीव अरोड़ा और दिल्ली IIT के प्रोफेसर डॉ. संदीप पाठक का नाम शामिल है।
संदीप पाठक ने दिल्ली में 2020 और फिर पंजाब में 2022 के चुनाव में पर्दे के पीछे रहकर अहम भूमिका निभाई। कल अरविंद केजरीवाल ने भी संदीप पाठक के काम की तारीफ की थी। क्रिकेटर हरभजन सिंह जालंधर के रहने वाले हैं और CM भगवंत मान के करीबी हैं। मान उन्हें स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की कमान सौंप सकते हैं। आज नामांकन का आखिरी दिन है। चुनाव 31 मार्च को होंगे।
पूर्व AAP नेता और अब कांग्रेस MLA सुखपाल खैहरा ने बाहरी उम्मीदवारों का विरोध जताया
विरोधियों ने उठाया बाहरी का मुद्दा
आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों को लेकर विरोधियों ने बाहरी का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया है। पूर्व में AAP नेता रहे कांग्रेस विधायक सुखपाल खैहरा ने इसका विरोध किया। उनका कहना है कि पंजाबियों को ही पंजाब की आवाज उठाने के लिए राज्यसभा में भेजना चाहिए। अकाली दल के प्रवक्ता हरचरन सिंह बैंस ने भी इसका विरोध किया।
AAP ने पंजाब में 117 में से 92 सीटें जीती। इसलिए सभी 5 मेंबर उनके ही चुने जाने तय हैं।
यह सीटें हो रहीं खाली
पंजाब में कांग्रेस के प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो, अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींडसा और नरेश गुजराल के अलावा भाजपा के श्वेत मलिक का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इनमें प्रताप सिंह बाजवा इस बार कादियां से विधायक भी बने हैं।
जानिए कैसे होगा पंजाब में राज्यसभा सदस्य का चुनाव
राज्यसभा सदस्य के चुनाव के लिए सिर्फ विधायक ही वोट देंगे। इसके लिए विधायकों की कुल संख्या को राज्यसभा की खाली सीटों में 1 जोड़कर विभाजित किया जाता है। उसके बाद जो आंकड़ा आए, उसमें एक जोड़ दिया जाता है। जिसे उतने विधायकों का समर्थन मिलेगा, वह सदस्य बन जाएंगे।
पंजाब के लिहाज से देखें तो पहले 2 सीटों के लिए चुनाव होना है। ऐसे में विधायकों की 117 की संख्या को 2 सीटों में 1 जोड़कर यानी 3 से विभाजित करेंगे। जिसके बाद 39 का आंकड़ा आएगा और उसमें 1 जोड़ने के बाद 40 हो जाएंगे। इस लिहाज से एक सदस्य के लिए 40 विधायकों का समर्थन जरूरी है।
इसी तरह बाद में जब 3 सदस्यों का चुनाव होगा तो उसमें इसी तरह 30 विधायकों के समर्थन का आंकड़ा आएगा। विरोधी पार्टियों की बात करें तो सबसे ज्यादा सिर्फ 18 विधायक कांग्रेस के पास हैं।
इसमें एक और अहम बात यह भी है कि एक विधायक सभी सीटों के लिए वोट नहीं करता। उन्हें अपनी पसंद के हिसाब से वोट देना होता है। हालांकि पंजाब में आप ने 92 सीटें जीती हैं तो समर्थन के लिए जरूरी सीटों के लिहाज से उन्हें अपने सभी सदस्य का चुनाव करना आसान होगा।