नई दिल्ली, 14 मई (The News Air) आम आदमी पार्टी ने बिना कोई लक्ष्य हासिल किए पाकिस्तान के साथ युद्ध विराम करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले पर ह्यूमन बैनर के जरिए तीखा हमला बोला है। बुधवार को ‘‘आप’’ ने दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के प्रमुख चौराहों, फ्लाईओवर्स और मेट्रो स्टेशनों पर ह्यूमन बैनर लगाकर जोरदार विरोध-प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री और भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पार्टी का कहना है कि भारतीय सेना पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) वापस कब्जा कर सकती थी, लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति के दबाव में आकर प्रधानमंत्री ने यह सुनहरा मौका गंवा कर भारतवासियों को धोखा दिया है। ‘‘आप’’ के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कहा कि इतिहास में भारतीय सेना का शौर्य-पराक्रम और प्रधानमंत्री मोदी की कायरता दोनों दर्ज होंगे।
बुधवार को आम आदमी पार्टी ने आइटीओ, कालकाजी, लक्ष्मी नगर, करोलबाग समेत दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में प्रमुख चौराहों, फ्लाइओवर्स और मेट्रो स्टेशनों पर ह्यूमन बैनर लगाकर अमेरिका के दबाव में सीजफायर करने के फैसले का विरोध किया। कालकाजी में ‘‘आप’’ नेता विजय शेरियार ने कहा कि पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछ रहा है कि उन्होंने पाकिस्तान से इतनी आसानी के साथ सीजफायर क्यों कर दिया? पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर पूरा देश एकजुट था। साथ ही, आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, सपा समेत सभी विपक्षी दल प्रधानमंत्री के साथ खड़े थे। प्रधानमंत्री के पास 56 इंच की छाती दिखाने का यह बड़ा मौका था। लेकिन मोदी जी ने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प के दबाव में आकर सीजफायर कर दिया। पाकिस्तान को सबक सिखाने और पीओके वापस लेने का बहुत अच्छा मौका था। लेकिन मोदी जी ने यह मौका खो दिया। अब ऐसा अच्छा मौका शायद मिले। आज पाकिस्तान कह रहा है कि उसने भारत को हरा दिया। सीजफायर के बाद भी पाकिस्तान के ड्रोन भारत की सीमा में देखे जा रहे हैं।
उधर, “आप” नेता शिवानी चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था और सभी विपक्षी दलों के साथ पूरा भारतीय उनके साथ खड़ा था। हर भारतीय पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों का बदला लेना चाहता था। जब अमेरिका के राष्ट्रपति से यह खबर मिलती है कि भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम हो गया है, तो हर भारतीय तो गहरा धक्का लगा। क्योंकि यह खबर हमारे प्रधानमंत्री या भारतीय सेना से मिलनी चाहिए थी। जब यह मामला भारत पाकिस्तान का है तो हमें सीजफायर की जानकारी तीसरे देश के प्रमुख से क्यों पता चलता है? आज हर एक भारतीय बहुत निराश है। भारत के पास पीओके वापस लेने का बहुत अच्छा मौका था। विपक्ष समेत पूरा भारत नरेंद्र मोदी के साथ था। शायद ऐसा मौका फिर न मिले।
शिवानी चौहान ने कहा कि जब चंडीगढ़ में स्वयंसेवकों की भर्ती की बात थी, तो ढेरों युवा एक साथ आकर कहने लगे कि हम भारतीय सेना और केंद्र सरकार का समर्थन करेंगे। हम भारत के साथ हैं। लेकिन प्रधानमंत्री ने ट्रंप के दबाव में आकर युद्धविराम कर दिया। आज हर भारतीय इस फैसले से बहुत नाराज है और हम इसका विरोध करेंगे। किसी भी राजनीतिक दल ने नरेंद्र मोदी या केंद्र सरकार के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। सभी दलों ने कहा कि हम एकजुट होकर खड़े हैं। लेकिन अमेरिका के दबाव में युद्धविराम घोषित किया गया। इसमें कोई समझौता भी नहीं हुआ। उधर पाकिस्तान युद्ध जीतने का दावा कर रहा है। यह बहुत दुख की बात है कि जब हर भारतीय एकजुट था, तब प्रधानमंत्री ने युद्धविराम करवा दिया।
वहीं, ‘‘आप’’ नेता भावना बिधुड़ी ने कहा कि इस ह्यूमन बैनर के जरिए प्रधानमंत्री को साफ संदेश देना चाहते हैं कि पहलगाम में पाकिस्तानी आतंकवादियों द्वारा पर्यटकों पर किए गए हमले का जवाब देना चाहिए था। हमारा देश बहुत मजबूत स्थिति में है। जब युद्ध शुरू हुआ, तो भारत ने पाकिस्तान को धूल चटाई। ऐसे में युद्धविराम करने की जरूरत नहीं थी। विपक्ष के साथ पूरा विश्व भारत के साथ है। विश्व ने भी स्वीकारा कि पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देता है। पाकिस्तान विश्व बैंक से मिलने वाला पैसा भी आतंकियों पर खर्च करता है। ऐसे में युद्धविराम करने की आवश्यकता नहीं थी।