नई दिल्ली, 24 जुलाई (The News Air): आम आदमी पार्टी के सांसदों ने मोदी सरकार द्वारा ईडी-सीबीआई से सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कराने के खिलाफ संसद परिसर में जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान ‘‘आप’’ के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह, डॉ. संदीप पाठक, राघव चड्ढा समेत अन्य सांसदों ने मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही, उन्होंने केंद्र से सीएम केजरीवाल को तत्काल रिहा करने और ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग बंद करने की मांग की। संजय सिंह ने कहा कि जेल में अब तक केजरीवाल का शुगर लेवल 36 बार 50 से नीचे आ चुका है। ऐसे में व्यक्ति कोमा में जा सकता है। मोदी सरकार उनकी जिंदगी से खिलवाड़ कर रही है। लोअर कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी, लेकिन केंद्र के इशारे पर ईडी ने हाईकोर्ट से उस पर स्टे ले लिया और फिर सीबीआई से उनके खिलाफ एक फर्जी केस दर्ज करा दिया गया। इसलिए यह मामला केवल गिरफ्तारी भर का नहीं है, बल्कि अरविंद केजरीवाल को जेल में जान से मारने की गहरी साजिश का है।
अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक साजिश के तहत की गई गिरफ्तारी के खिलाफ संसद परिसर में हुए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने किया। विभिन्न नारे लिखे तख्ती हाथों में लिए सांसदों ने अरविंद केजरीवाल के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ नारेबाजी कर अपनी आवाज बुलंद की। ‘‘आप’’ सांसदों ने केजरीवाल को रिहा करो, ईडी-सीबीआई का दुरुपयोग का बंद करो, तानाशाही मुर्दाबाद, हिटलरशाही मुर्दाबाद, भाई के तीन हैं भाई, ईडी-आईटी और सीबीआई, हिटलरशाही बंद करो, तानाशाही बंद करो समेत तमाम नारे लगाए।
इस दौरान संजय सिंह ने कहा कि जेल में अब तक अरविंद केजरीवाल का शुगर लेवल 36 बार 50 से नीचे जा चुका है। जेल प्रशासन ने केजरीवाल के वकील को मेडिकल का प्रमाणित डाटा उपलब्ध करवाया है। केंद्र की भाजपा सरकार दिल्ली के तीन बार चुने हुए लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जिंदगी के साथ खिलवाड़ करने की साजिश कर रही है। शुगर लेवल 50 से नीचे जाने पर कोई भी आदमी कोमा में जा सकता है। यह बहुत गंभीर स्थिति है। इसके बावजूद मोदी सरकार द्वारा सीबीआई के जरिए एक फर्जी मुकदमा दर्ज कराकर केजरीवाल को जेल में डाल दिया गया, ताकि जेल में उनके जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा सके।
संजय सिंह ने कहा कि लोअर कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जमानत दे दी थी, लेकिन सभी नियमों को ताक पर रख कर ईडी ने उस पर हाईकोर्ट से स्टे ले लिया। भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में यह पहली बार है, जब बिना आदेश की कॉपी के ही ईडी ने हाईकोर्ट जाकर किसी की रिहाई पर स्टे ले लिया। यह दिखाता है कि यह मामला केवल अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी का नहीं है, बल्कि उनको जेल में जान से मारने की गहरी साजिश का है। इसलिए हमारी मांग है कि अरविंद केजरीवाल को तुरंत रिहा किया जाना चाहिए। साथ ही, भाजपा व मोदी जी के इशारे पर काम कर रही ईडी- सीबीआई को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वो फर्जी मामलों में इस तरह से विपक्षी नेताओं को पकड़ कर जेल में डालना बंद करे। ये लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है।








