लुधियाना (The News Air)कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के परिवार ने आरोप लगाया है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने उनके घर की सिक्योरिटी वापस ले ली है। पटियाला में सिद्धू की कोठी नंबर 26 पर चार पुलिस जवान तैनात थे जिन्हें भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने वापस बुला लिया। इन चारों जवानों को बुधवार सुबह पटियाला पुलिस लाइन में रिपोर्ट करने को कहा गया।
इस बीच सिद्धू फैमिली के आरोपों पर पटियाला के SSP वरुण शर्मा ने सफाई दी है। उनके अनुसार, सिद़्धू की कोठी पर लोकल पुलिस के चार जवान तैनात थे जिनमें से सिर्फ दो को वापस बुलाया गया है। दो जवान अभी भी कोठी के बाहर तैनात हैं। हालांकि सिद्धू की जेड प्लस सिक्योरिटी बरकरार है। यह सिक्योरिटी उन्हें तभी मिलती है जब वह जेल से बाहर आते हैं।
सिद्धू 34 साल पुराने रोड रेज केस में पटियाला जेल में बंद हैं। इस केस में एक साल की सजा होने के बाद सिद्धू मई-2022 में जेल गए थे। जेल जाने से पहले सिद्धू के पास जेड प्लस सिक्योरिटी थी और उनके साथ हमेशा 16 जवान तैनात रहते थे। सिद्धू के जेल जाने के बाद इनमें से कुछ जवान अभी भी उनकी अमृतसर-पटियाला कोठी पर तैनात हैं।
इस जेड प्लस सिक्योरिटी के अलावा पटियाला पुलिस प्रशासन ने सिद्धू की कोठी के बाहर 4 जवान अलग से तैनात कर रखे थे। बुधवार को इन्हीं चार जवानों में से दो जवानों को पुलिस लाइन बुला लिया गया। हालांकि सिद्धू फैमिली का दावा है कि चारों जवान वापस ले लिए गए हैं।
सरकार ने माफ नहीं की सजा
आजादी के अमृत महोत्सव के दूसरे पड़ाव के तहत 26 जनवरी को सरकार ने कई कैदियों की सजा माफ की। तब ऐसी चर्चा थी कि सरकार ने सिद्धू की सजा भी माफ कर दी है और वह जेल से बाहर आने वाले हैं। सिद्धू कैंप ने उनके स्वागत की पूरी तैयारी भी कर ली थी। पटियाला, लुधियाना और दूसरे कई शहरों में उनके स्वागती बोर्ड भी लगा दिए गए लेकिन समर्थकों की यह तैयारियां धरी की धरी रह गईं क्योंकि AAP सरकार ने जिन कैदियों की सजा माफ की, उनमें सिद्धू का नाम नहीं था।
पत्नी ट्वीट पर जता चुकीं गुस्सा
सिदधू को 26 जनवरी को रिहा न किए जाने पर उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भड़क गई थीं। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया था कि नवजोत सिद्धू एक खूंखार जानवर की कैटेगरी में आते हैं। इसी वजह से उन्हें आजादी के 75वें बरस पर रिहाई की राहत नहीं दी गई। ऐसे में सभी लोगों से गुजारिश है कि वह सिद्धू से दूर रहें।
सिद्धू को रोडरेज केस में हुई सजा
नवजोत सिद्धू को रोडरेज के 34 साल पुराने मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 साल कैद की सजा सुनाई थी। दरअसल, 1988 में पटियाला में पार्किंग को लेकर सिद्धू की एक बुजुर्ग से बहस हो गई थी। सिद्धू ने गुस्से में बुजुर्ग को मुक्का मार दिया जिसकी वजह से बुजुर्ग की मौत हो गई। इस मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने सिद्धू को एक साल कैद की सजा सुनाई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सिद्धू को गैर-इरादतन हत्या से बरी कर दिया और उन पर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया।
इसके बाद पीड़ित परिवार ने रिव्यू पिटीशन दायर की जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई 2022 को सिद्धू को एक साल कैद की सजा सुना दी। उसके बाद सिद्धू ने 20 मई 2022 को सरेंडर कर दिया और तभी से वह पटियाला जेल में बंद हैं।
पिछले कई दिनों से पंजाब कांग्रेस के तमाम नेता अलग-अलग तरह से मुख्यमंत्री भगवंत मान से सिद्धू की सजा माफ करने की अपील कर रहे हैं।
सिद्धू को नहीं मिली रिहाई: पत्नी बोलीं- वे खूंखार जानवर, इसलिए सरकार रिहा नहीं कर रही
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिद्धू को गणतंत्र दिवस पर आजादी नहीं मिल सकी। उनकी रिहाई के लिए घर में टेंट लगा तैयारियां की गई थीं, जो सब धरी रह गईं। हालांकि, सिद्धू के पटियाला स्थित घर पर उनके समर्थक कांग्रेस नेता जुटे हुए हैं।
सिद्धू की रिहाई न होने पर फिर भड़की पत्नी: नवजोत कौर सिद्धू बोलीं- रेपिस्ट्स-गैंगस्टर्स को जमानत मिल सकती है, ईमानदार को नहीं
पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिद्धू की गणतंत्र दिवस पर रिहाई न होने से पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू का गुस्सा थम नहीं रहा है। उन्होंने कहा था गैंगस्टर्स, ड्रग लॉर्ड्स, हार्डकोर क्रिमिनल्स और रेपिस्ट्स सरकारी पॉलिसी से राहत या जमानत ले सकते हैं, लेकिन ईमानदार को नहीं।