Anangpur Demolition Protest: फरीदाबाद (Faridabad) के अनंगपुर (Anangpur) गांव में वन विभाग द्वारा चलाए जा रहे ध्वस्तीकरण (demolition) अभियान के खिलाफ अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है। ‘आप’ ने 13 जुलाई को अनंगपुर में होने वाली महापंचायत का समर्थन करने की घोषणा की है। इसके साथ ही दिल्ली देहात के 360 गांवों के युवाओं से इस विरोध में शामिल होने की अपील की गई है।
दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “हम दिल्ली के सभी 360 गांवों के युवाओं से अपील करते हैं कि वे अनंगपुर की महापंचायत में शामिल होकर अपने गांवों की रक्षा करें। यह समय एकजुटता दिखाने का है। सरकार की तानाशाही कार्रवाई के खिलाफ हमें रणनीतिक रूप से खड़ा होना होगा।”
अनंगपुर (Anangpur) में पिछले दस दिनों से ग्रामीण लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यह आंदोलन उस समय तेज हुआ जब वन विभाग और फरीदाबाद नगर निगम (Faridabad Municipal Corporation) की संयुक्त कार्रवाई में अरावली (Aravalli) की पहाड़ियों में बने कई अवैध फार्महाउस और ढांचों को गिरा दिया गया। अधिकारियों के अनुसार, इस कार्रवाई में करीब 10 एकड़ जमीन खाली कराई गई, जिसमें करोड़ों रुपये की अवैध संपत्तियां ध्वस्त की गईं।
फरीदाबाद के उपायुक्त विक्रम यादव (Vikram Yadav) ने जानकारी दी कि यह पूरा ध्वस्तीकरण अभियान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर चलाया जा रहा है। शीर्ष अदालत ने अरावली क्षेत्र से अवैध निर्माण हटाने का निर्देश दिया है और जुलाई 2025 तक विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। ड्रोन सर्वेक्षण के जरिए अब तक 6,793 से अधिक अवैध निर्माणों की पहचान की जा चुकी है, जिन्हें तीन महीने की समय सीमा में हटाया जाना है।
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ध्वस्तीकरण की अगली कार्यवाही अनंगपुर (Anangpur), लक्कड़पुर (Lakkarpur), अनखीर (Ankheer) और मेवाला महाराजपुर (Mewla Maharajpur) गांवों के पास की जाएगी। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह अभियान कानून के तहत और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में अनवरत जारी रहेगा।
अनंगपुर संघर्ष समिति द्वारा बुलाई गई महापंचायत के माध्यम से ग्रामीणों की आवाज को अधिक मजबूती देने की योजना है। इसमें आम आदमी पार्टी (AAP) की भागीदारी से आंदोलन को राजनीतिक बल भी मिल गया है। दिल्ली देहात के गांवों के युवाओं को अब इस आंदोलन से जोड़ा जा रहा है ताकि भविष्य में किसी भी ध्वस्तीकरण अभियान का मिलकर विरोध किया जा सके।
13 जुलाई को होने वाली महापंचायत अब सिर्फ एक स्थानीय विरोध नहीं बल्कि अरावली क्षेत्र में रहने वाले लोगों के अधिकारों और अस्तित्व की लड़ाई बन चुकी है। AAP का समर्थन और दिल्ली के 360 गांवों की भागीदारी इस विरोध को नई दिशा देने की ओर इशारा कर रही है।