नई दिल्ली, 19 मई (The News Air) यूजर चार्ज को वापस लेने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग के प्रस्ताव को भाजपा मेयर ने एमसीडी सदन के एजेंडे में शामिल करने से इन्कार कर दिया है। इससे नाराज अंकुश नारंग ‘‘आप’’ पार्षदों के साथ सिविक सेंटर पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया। काफी देर तक इंतजार के बाद भाजपा मेयर राजा इकबाल से उनकी मुलाकात हो पाई। लेकिन यूजर चार्ज वापस लेने को लेकर वह बहानेबाजी करने लगे। अंकुश नारंग ने बताया कि इस माह होने वाले एमसीडी सदन सत्र में दिल्लीवालों के हितों को ध्यान में रखते हुए मैंने यूज़र चार्ज वापस लेने का प्रस्ताव लगाया था। लेकिन भाजपा मेयर ने प्रस्ताव को एजेंडे में शामिल नहीं किया। भाजपा की मानसिकता शुरू से ही दिल्ली की जनता के लिए काम करने की नहीं है। बस इनको झूठे-झूठे वादे करने हैं और काम कुछ नहीं करना है।
दिल्ली नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष अंकुश नारंग ने कहा कि दिल्ली की जनता और मार्केट एसोसिएशन ने हमसे संपर्क किया था और बताया कि यूजर चार्ज लगाना उनके साथ अन्याय है। यूजर चार्ज के जरिए दिल्ली की जनता पर अतिरिक्त बोझ डाला जा रहा है। इसलिए हमारी मांग है कि भाजपा शासित एमसीडी को यूजर चार्ज की समस्या का समाधान करे और जनता को अन्याय से बचाए। दिल्ली के अंदर यूजर चार्ज नहीं लगना चाहिए। दिल्ली में 12 कंसेशनरीज हैं। उनको घर-घर जाकर कूड़ा उठाने की जिम्मेदारी दी गई है, लेकिन सभी कंसेशनरीज घर-घर से कूड़ा नहीं उठा रही हैं। इसलिए मकान मालिकों को कूड़ा उठाने के लिए निजी कर्मचारियों को पैसे देने पड़ते हैं।
अंकुश नारंग ने कहा कि अभी तक कंसेशनरीज का घर-घर कूड़ा उठा रहे निजी कर्मचारियों के साथ कोई समन्वय नहीं बन पाया है। पूरी दिल्ली में ढलाव हैं, जहां कूड़े की वजह से दुर्गंध आती रहती है। भाजपा शासित एमसीडी ने अभी तक इन ढलावों को बंद नहीं किया है। दिल्ली में एफसीडीएस और वनरेबल प्वाइंट है, वहां कूड़ा जमा होता है। लेकिन आजतक वहां से कूड़ा उठा नहीं है। कूड़ा नहीं उठने से इन इलाको में बहुत दुर्गंध आती है और लोगों को परेशानी होती है। ऐसे में एमसीडी द्वारा यूजर चार्ज लगाना गलत है।
अंकुश नारंग ने कहा कि मेयर बनते ही राजा इकबाल ने कहा था कि यूजर चार्ज तत्काल वापस लिया जाएगा, लेकिन एक महीने बाद भी यूजर चार्ज का आदेश वापस नहीं लिया गया है। राजा इकबाल के मेयर बनने के बाद 6 मई को मैंने एक चिट्ठी लिख कर यूजर चार्ज वापस लेने की मांग की थी। लेकिन अभी तक मेयर ने मेरी चिट्ठी का जवाब नहीं दिया है। अगर मेयर नेता प्रतिपक्ष की चिट्ठी का जवाब नहीं देते हैं तो दिल्ली की आम जनता की चिट्ठी का क्या जवाब देते होंगे।
अंकुश नारंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी की पूरजोर मांग है कि यूजर चार्ज वापस लिया जाए। इस संबंध में मैंने मेयर और निगमायुक्त को भी चिट्ठी लिखी है। इसके अलावा, मैंने यूजर चार्ज वापस लेने की मांग को लेकर सदन में एक प्रस्ताव भी भेजा है। लेकिन मेरा प्रस्ताव लेने से इन्कार कर दिया। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि भाजपा क्या करना चाहती है? भाजपा की कथनी और करनी में जमीन आसमान का अंतर है। भाजपा कहती कुछ है और करती कुछ है।
अंकुश नारंग ने कहा कि अब भाजपा बहानेबाजी कर रही है कि यूजर चार्ज वापस नहीं ले सकती है। यूजर चार्ज का आदेश स्टैंडिंग कमेटी वापस ले सकती है। जब स्टैंडिंग कमेटी ने यूजर चार्ज को लागू ही नहीं किया है, तो कैसे वापस लेगी। यूजर चार्ज तो निगमायुक्त ने खुद लागू किया है। अब तो दिल्ली में भाजपा की चार इंजन की सरकार है। केंद्र, राज्य, एलजी के साथ एमसीडी में भाजपा की सरकार है। तब भी ये लोग बहानेबाजी कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की मांग है कि यूजर चार्ज को तुरंत प्रभाव से वापस लेकर दिल्ली की जनता पर हो रहे अत्याचार को खत्म करना चाहिए।