अहमदनगर, 6 नवंबर (The News Air)
महाराष्ट्र से एक बड़ी ख़बर सामने आई है। जहां शनिवार सुबह अहमदनगर के सिविल अस्पताल ( ahmednagar district hospital) के आईसीयू वार्ड में भीषण आग ( Fire In Icu Ward )लग गई है। आग इतनी विकराल थी कि 10 मरीज़ों की मौक़े पर ही मौत हो गई। वहीं कई की गंभीर रुप से झुलसने की ख़बर है। इस अग्निकांड में मारे जाने वाले सभी मृतक कोरोना के मरीज़ थे। हादसे के बाद घटनास्थल पर अफ़रातफ़री का माहौल है। आनन-फानन में बाकी मरीज़ों को अन्य अस्पताल में शिफ़्ट किया जा रहा है। मौक़े पर आग बुझाने के लिए दमकल विभाग की टीम और गाड़ियां पहुंच चुकी हैं।
वेंटिलेटर पर थे मरीज़..आग लगते ही भागने लगे
दरअसल, यह आग सुबह 11.30 बजे के आसपास आईसीयू वार्ड में लगी। बताया जाता है कि जिस वक़्त यह हादसा हुआ उस दौरान हॉस्पिटल इस वार्ड में क़रीब 20 मरीज़ भर्ती थे। सभी मरीज़ सीरियस हालत मे में वेंटिलेटर पर थे। आग लगते ही अस्पताल में हड़कंप मच गया और मरीज़ इधर-उधर भागने लगे। हालांकि प्रशासन ने उनको दूसरी अस्पताल ले जाया गया है।
देखते ही देखते विकराल हो गई आग
बता दें कि अस्पताल में आग किस वजह से लगी, इसके कारणों का पता नहीं चल सका है। देखते ही देखते आग इतनी भयानक हो गई कि अस्पताल के अग्निशमन यंत्र से इस पर क़ाबू नहीं पा सके। इसके बाद अहमदनगर नगर निगम और एमआईडीसी दमकल विभाग को सूचना देकर बुलाया गया। फ़िलहाल फायर टीम और गाड़ियां आग को बुझाने में जुटी हुई हैं।
कलेक्टर ने हादसे की पुष्टि
इस भयावह हादसे की पुष्टि अहमदनगर ज़िला कलेक्टर राजेंद्र भोसले ने की है। उन्होंने घटना के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि जिन लोगों की मौत हुई है, वह सभी कोरोना पॉजिटिव के मरीज़ थे। जो कि अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती थे। ICU में भर्ती कई मरीज़ों की हालत गंभीर थी और कई वेंटिलेटर पर थे। अभी आग लगने की वजह तो सामने नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रारंभिक अनुमान है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी है।
सामने आ रहीं भयावह हादसे की दर्दनाक तस्वीरें
आग लगने के बाद जो तस्वीरें और वीडियो सामने आए हैं वह बेहद भयानक हैं। अभी भी अस्पताल से आग का गुब्बारा और धुआँ निकलता दिखाई दे रहा है। आग लगने का द्दश्य इतना भयानक था कि अस्पताल में मौजूद लोग चीखते-चिल्लाते भागे। इस भयावह मंज़र के आगे लोग असहाय दिए। चारों तरफ़ से आग ने मरीज़ों को घेर लिया था। वह ना तो भाग पा रहे थे और ना ही कोई उनको बचाने आ पा रहा था। तमाम कोशिश करने के बाद भी कई ज़िंदगियाँ ख़त्म हो गईं।