नई दिल्ली, 07 अक्टूबर (The News Air): फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मिडिल ईस्ट में संघर्ष को और बढ़ने से रोकने के लिए इजराइल को हथियार देने पर रोक की मांग की है. मैक्रों के इस कदम का 57 इस्लामिक देशों के संगठन OIC ने स्वागत किया है. साथ ही उनसे आजाद फिलिस्तीन को मान्यता देने की भी मांग की है.
दरअसल फ्रांसिसी राष्ट्रपति मैक्रों ने रविवार को कहा था कि गाजा में अब संघर्ष विराम का समय आ गया है. मैक्रों के मुताबिक लेबनान समेत मध्य पूर्व क्षेत्र में बढ़ते संघर्ष को रोकने और इसके राजनीतिक समाधान के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि इजराइल को हथियारों की आपूर्ति रोकी जाए.
OIC ने मैक्रों के बयान का स्वागत किया
वहीं ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन (OIC) ने रविवार देर रात एक बयान जारी कर मैक्रों की इस मांग का स्वागत किया है. OIC के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति की मांग अंतरराष्ट्रीय मानवीय नियमों के मुताबिक है. साथ ही यह इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (ICJ) की कानूनी सलाह और इस मसले से जुड़े UN के प्रस्ताव को संरेखित करती है.
आजाद फिलिस्तीन को मान्यता देने की मांग
OIC ने फ्रांस से मांग की है कि वह 1967 युद्ध से पहले की बॉर्डर स्थिति के आधार पर आजाद फिलिस्तीन को मान्यता दे, साथ ही पूर्वी अल कुद्स को फिलिस्तीन की राजधानी के तौर पर मान्यता दी जाए. OIC ने फ्रांस से अपील की है कि वह टू-स्टेट समाधान और फिलिस्तीन के लोगों के आत्मनिर्णय के अधिकार को लेकर अपनी स्थिति को दोहराते हुए इसका समर्थन करे.
इजराइल को सैन्य-आर्थिक मदद रोकें- OIC
फ्रांस के साथ-साथ OIC ने दुनिया के बाकी देशों से भी मध्य पूर्व के हालातों की बेहतरी के लिए इजराइल को सैन्य और आर्थिक मदद रोकने की मांग की है. OIC के अनुसार इजराइली सेना को मिलने वाली सैन्य और आर्थिक मदद रोककर ही फिलिस्तीन लोगों के खिलाफ हो रहे जुल्म को रोका जा सकता है.
इजराइल पर प्रतिबंध लगाने की अपील
OIC ने दुनिया के तमाम मुल्कों से इजराइल के खिलाफ जरूरी कदम उठाने की मांग की है. 57 देशों के इस्लामिक समूह का कहना है कि इजराइल को हथियारों की डील के साथ-साथ ऐसे व्यापार रोके जाएं जो फिलिस्तीनियों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं. OIC ने मिडिल ईस्ट के बढ़ते संघर्ष को रोकने के लिए इजराइल पर कड़े प्रतिबंध लगाने की अपील की है, जिससे इजराइली सेना फिलिस्तीनी क्षेत्र से तुरंत कब्जा छोड़ने को मजबूर हो साथ ही लेबनान में जारी हमलों को रोका जा सके.