बांदा जेल में बंद होने वाले विख्यात गैंगस्टर और सियासी नेता मुख्तार अंसारी की मौत के मामले में जेल में जहर देने का आरोप जांच से प्रमाणित नहीं हुआ है। जिसमें जहर नहीं मिला है। उनकी विसरा जांच की गई थी, जिसमें भी हार्ट अटैक से मौत होने की पुष्टि हुई थी।
मौत का शक: पोस्टमार्टम और जहर का आरोप
मुख्तार अंसारी की मौत के संदिग्ध हालात में, परिवार और पुलिस के बीच जहर देने के आरोप थे। इसके बावजूद, उनकी विसरा जांच की गई और हार्ट अटैक से मौत का संकेत मिला।
न्यायिक प्रक्रिया: विसरा जांच रिपोर्ट की पेशकश
अब, विसरा जांच रिपोर्ट को न्यायिक टीम को सौंप दिया गया है। जिसे बनाकर उच्च अधिकारियों को सौंपा जाएगा। यह रिपोर्ट उसकी मौत के पीछे की असली वजह को सामने लाने का प्रयास करेगी।
मुख्तार अंसारी के केस और सजा
मुख्तार अंसारी के खिलाफ 60 से ज्यादा केस दर्ज थे, जिसमें हत्या, अपहरण, धोखाधड़ी, गुंडागर्दी, गैंगस्टर एक्ट, और NSA तक शामिल हैं।
विसरा जांच: न्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा
विसरा जांच एक महत्वपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया है जो मौत के पीछे की असली वजह को सामने लाती है। इस प्रक्रिया में, मरने वाले के शरीर से विसरल पार्ट का सैंपल लिया जाता है और उसे केमिकल एक्जामिनेशन के लिए भेजा जाता है। इस जांच का उद्देश्य मौत की असली वजह का पता लगाना होता है।
मुख्तार अंसारी के मौत के मामले में विसरा जांच रिपोर्ट का प्रकट होना सामाजिक और न्यायिक प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है। इससे उसकी मौत के पीछे की सच्चाई को सामने लाने की कोशिश की जा रही है।