Maharashtra News: महाराष्ट्र के ठाणे जिसे एक क्रूकता का मामला सामने आया है। जहां अदालत में कार्रवाई के दौरान महिला अपने बयान से पलट गई। ठाणे, आठ अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने एक व्यक्ति और उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों को उसकी पत्नी के साथ क्रूरता करने के आरोप से यह कहते हुए बरी कर दिया कि महिला अपने बयान से “मुकर” गई।
ये है पूरा मामवा

इन धाराओं पर मुकदमा दर्ज
उन पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए, जिनमें 498-ए (क्रूरता), 313 (महिला की सहमति के बिना गर्भपात), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 504 (जानबूझकर अपमान करना), 506 (आपराधिक धमकी) और 34 (सामान्य इरादा) शामिल हैं।

अभियोजक ने अदालत को बताया कि महिला की शादी तीन अगस्त 2013 को हुई थी। अभियोजन के अनुसार उसके पति और ससुराल वालों ने घरेलू काम, चार लाख रुपये दहेज की मांग और अन्य कारणों से उसे मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान करना शुरू कर दिया। शिकायत के मुताबिक, आरोपी उसे भूखा रखते थे और मारपीट व धमकी देकर प्रताड़ित करते थे।
अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि जब शिकायतकर्ता (पीड़िता) गर्भवती थी, तब उसके पति ने उसके पेट पर चोट पहुंचाई जिसके कारण उसका गर्भपात हो गया।

न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा, “पीड़िता मुकर गई और अपने ही बयान का समर्थन नहीं किया। शिकायत अप्रमाणित रही।” अदालत ने कहा कि पंचनामा केवल आरोपी की गिरफ्तारी दिखाता है और कुछ नहीं। इसमें कहा गया है कि चिकित्सा प्रमाणपत्र को देखने से पता चलता है कि सूचना देने वाले (पीड़िता) को कोई बाहरी चोट नहीं लगी थी।