• About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy
🔆 शनिवार, 6 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home Breaking News

भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट की फटकार,

हलफनामा दायर करने का दिया आखिरी मौका

The News Air by The News Air
मंगलवार, 2 अप्रैल 2024
A A
0
SC: भ्रामक विज्ञापन मामले में रामदेव-बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, हलफनामा दायर करने का दिया आखिरी मौका
104
SHARES
690
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Misleading Advertisement Case: आईएमए ने आरोप लगाया कि पतंजलि ने कोविड-19 वैक्सीनेशन के खिलाफ एक बदनाम करने वाला कैंपेन चलाया था। इस पर अदालत ने चेतावनी दी थी कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से झूठे और भ्रामक विज्ञापन तुरंत बंद होने चाहिए।

पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। योग गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद एमडी आचार्य बालकृष्ण शीर्ष अदालत पहुंचे। इस दौरान अदालत ने दोनों को फटकार लगाई और कहा कि आपको इस मामले में हलफनामा दायर करना चाहिए था।

10 अप्रैल को होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण को एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने का आखिरी मौका दिया। साथ ही आदेश दिया कि अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने पतंजलि के एमडी के हलफनामे में दिए बयान को भी खारिज कर दिया कि ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स (मैजिक रेमेडीज) एक्ट पुराना है

हर आदेश का सम्मान होना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को अदालत के नोटिस का जवाब नहीं देने पर कहा कि यह पूर्ण अवहेलना है। सिर्फ सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, देशभर की अदालतों से पारित हर आदेश का सम्मान होना चाहिए। आपको इस मामले में हलफनामा दायर करना चाहिए था। 

इस पर योग गुरु रामदेव ने पतंजलि के औषधीय उत्पादों के भ्रामक विज्ञापनों के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने पर अदालत से बिना शर्त माफी मांगी। उनके वकील ने अदालत से कहा कि दोनों लोग व्यक्तिगत रूप से मांफी मांगना चाहते थे, इसलिए आज अदालत में पेश हुए हैं। वहीं, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि जो हुआ वह नहीं होना चाहिए था।

पतंजलि ने अपनी याचिका में मांग की कि विज्ञापन मामले में ताजा हलफनामा दायर करने के लिए और समय दिया जाए। इस पर अदालत ने कहा कि कभी-कभी चीजों को सही फैसले तक पहुंचना जरूरी है।

झूठी गवाही का मामला भी शुरू होना चाहिए

अदालत ने कहा उसे रामदेव और बालकृष्ण के खिलाफ झूठी गवाही का मामला भी शुरू करना चाहिए। क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि हलफनामे के साथ दस्तावेज जोड़े गए, जबकि दस्तावेज बाद में तैयार किए गए। यह झूठी गवाही का स्पष्ट मामला है। हम आपके लिए दरवाजे बंद नहीं कर रहे, लेकिन वही सब बता रहे हैं जो हमने अबतक देखा है। 

यह भी पढे़ं 👇

6 December 2025 Horoscope

6 December 2025 Horoscope: इन 4 राशियों के लिए 100% शानदार दिन, जानें आज का Rashifal

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis

IndiGo Crisis जानबूझकर किया गया? ₹1 लाख करोड़ का सबसे बड़ा खेल, Shocking Reality!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
CM Mann

CM मान का जापान रोड शो!ओसाका में जापानी कंपनियों ने दिखाई BIG INTEREST, निवेश का रास्ता खुला!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Dharmendra 90th Birthday

Dharmendra 90th Birthday: फैंस के लिए खोले जाएंगे फार्म हाउस के गेट

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और बालकृष्ण को एक सप्ताह के भीतर नया हलफनामा दाखिल करने का मौका दिया है।

पतंजलि ने बिना शर्त मांगी थी माफी

इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस का जवाब नहीं देने पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को दो अप्रैल को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण को अदालत के नोटिस का जवाब नहीं देने पर कड़ी आपत्ति जताई थी और नोटिस जारी कर पूछा थी कि उनके खिलाफ अमानना की कार्यवाही क्यों नहीं शुरू की जाए। इसके बाद पतंजलि और आचार्य बालकृष्ण ने हलफनामा देकर माफी मांग ली थी। 

पतंजलति आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी थी। हलफनामा में आचार्य बालकृष्ण ने कहा था कि वह ये सुनिश्चित करेंगे कि ऐसे विज्ञापन आगे से जारी न हों। साथ ही उन्होंने कहा था कि उनकी मंशा सिर्फ देश के नागरिकों को आयुर्वेदिक उत्पादों का इस्तेमाल करते हुए स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है।

पिछले साल नवंबर में किया था आगाह

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के वरिष्ठ अधिवक्ता पीएस पटवालिया ने याचिका में बताया था कि पतंजलि ने दावा किया था कि योग अस्थमा और डायबिटीज को ‘पूरी तरह से ठीक’ कर सकता है। पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने भ्रामक विज्ञापनों को लेकर केंद्र से परामर्श और गाइडलाइंस जारी करने का आदेश दिया था। पीठ ने पतंजलि आयुर्वेद और उसके अधिकारियों को मीडिया में (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों तरह की) अन्य दवा प्रणालियों के बारे में कुछ गलत कहने के लिए आगाह किया था। कंपनी ने पहले अदालत के समक्ष अपने हलफनामे में ऐसा नहीं करने की बात कही थी। पिछले साल 21 नवंबर को, कंपनी का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने शीर्ष अदालत को आश्वासन दिया था कि आगे से कानून का कोई उल्लंघन नहीं होगा। 

कंपनी की ओर से हलफनामे में कहा गया था कि पतंजलि उत्पादों के औषधीय असर का दावा करने वाला कोई भी अनौपचारिक बयान या किसी भी दवा प्रणाली के खिलाफ कोई बयान या विज्ञापन जारी नहीं किया जाएगा। शीर्ष अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है जिसमें रामदेव पर टीकाकरण अभियान और आधुनिक दवाओं को बदनाम करने का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।

क्या है आईएमए का आरोप?

आईएमए ने आरोप लगाया कि पतंजलि ने कोविड-19 वैक्सीनेशन के खिलाफ एक बदनाम करने वाला कैंपेन चलाया था। इस पर अदालत ने चेतावनी दी थी कि पतंजलि आयुर्वेद की ओर से झूठे और भ्रामक विज्ञापन तुरंत बंद होने चाहिए। खास तरह की बीमारियों को ठीक करने के झूठे दावे करने वाले प्रत्येक उत्पाद के लिए एक करोड़ रुपये तक के जुर्माने की संभावना जाहिर की। कोविड-19 महामारी के दौरान एलोपैथिक फार्मास्यूटिकल्स पर अपनी विवादास्पद टिप्पणियों के लिए आईएमए की ओर से दायर आपराधिक मामलों का सामना करने वाले रामदेव ने मामलों को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।

अदालत ने केंद्र और आईएमए को नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 15 मार्च मुकर्रर की। रामदेव पर आईपीसी की धारा 188, 269 और 504 के तहत सोशल मीडिया पर चिकित्सा बिरादरी की ओर से इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के बारे में भ्रामक जानकारी फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

6 December 2025 Horoscope

6 December 2025 Horoscope: इन 4 राशियों के लिए 100% शानदार दिन, जानें आज का Rashifal

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis

IndiGo Crisis जानबूझकर किया गया? ₹1 लाख करोड़ का सबसे बड़ा खेल, Shocking Reality!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
CM Mann

CM मान का जापान रोड शो!ओसाका में जापानी कंपनियों ने दिखाई BIG INTEREST, निवेश का रास्ता खुला!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Dharmendra 90th Birthday

Dharmendra 90th Birthday: फैंस के लिए खोले जाएंगे फार्म हाउस के गेट

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
Mandhana-Palash Wedding Rumors

Mandhana-Palash Wedding Rumors: पलाश की बहन Palak Muchhal ने तोड़ी चुप्पी, बताया क्या है सच!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
IndiGo Crisis Explainer

IndiGo Crisis Explainer : सरकार क्यों झुकी IndiGo के सामने? कमेटी के नाम पर धोखा! लूटे गए हजारों यात्री!

शुक्रवार, 5 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • वेब स्टोरीज

© 2025 THE NEWS AIR