नई दिल्ली, 2 मार्च (The News Air): पिछले कुछ सालों में यह शख्स सोशल मीडिया पर युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हुआ है। सोशल मीडिया पर युवाओं से लेकर बुजुर्ग तक इस आदमी के फैन बने हैं। प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वालों में इस शख्स को सम्मान से देखा जाता है। इस शख्स के एक-एक शब्द को युवा बड़े ही ध्यान से सुनते हैं। कई युवा ना सिर्फ इन्हें सुनते हैं बल्कि इनकी बातों को फॉलो कर जीवन में सफल भी हुए। इनके वीडियो को कई युवा तो बड़े ही शान से न सिर्फ स्टेटस लगाते हैं बल्कि अपने दोस्तों और रिश्तेदारों में शेयर करते हैं। ये शख्स हैं दृष्टि आईएएस के संस्थापक डॉ. विकास कीर्ति। इनकी पहचान टीचर, लेखक, लेक्चरर, यूट्यूबर से लेकर मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में है।
इंटरनेट पर क्या-क्या खोजते हैं उनके बारे में : गूगल पर लोग डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के वीडियो के अलावा उनकी उम्र, उनकी संपत्ति, उनकी यूपीएससी रैंक से लेकर बायोग्राफी, परिवार से लेकर 12th फेल फिल्म का तक सर्च करते हैं। ऐसे में कई लोग निश्चित रूप से इनके जीवन और डेली रूटीन को लेकर भी बहुत कुछ जानना चाहते हैं। हालांकि, डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने इस मुद्दे पर भी अपने प्रशंसकों को निराश नहीं किया है। एक वीडियो में विकास दिव्यकीर्ति बताते हैं कि वह बिल्कुल आराम से सुबह 9 से 10.00 बजे के बीच उठते हैं। वे बताते हैं कि क्लास को लेकर कोई जरूरी मीटिंग हो तो 9 बजे या मीटिंग नहीं हो तो 10 बजे तक उठता हूं। इससे पहले बहुत जरूरी नहीं होने पर ही वे उठते हैं। इसके बाद सुबह 11 बजे परिवार के साथ जिसमें पिताजी भी होते हैं, नाश्ता करते हैं। नाश्ते के बाद परिवारवाले एक से आधे घंटे तक गप्प मारते हैं।
ऑफिस जाने का टाइम फिक्स नहीं : वीडियो में डॉ. विकास दिव्यकीर्ति बताते हैं कि वे दोपहर 12 बजे के बाद ही ऑफिस जाते हैं। वे बताते हैं कि उनकी जरूरी मीटिंग दोपहर 1 बजे के बाद ही होती है। उनका कहना है कि वे दोपहर में 1 बजे से 2 बजे तक जरूरी मीटिंग पूरी करते हैं। इसके बाद कोई खास काम नहीं होता है। डॉ. दिव्यकीर्ति के शब्दों में इसके बाद कोई खास काम तो होता नहीं हो मैनेजमेंट के सीनियर लोगों में से किसी को बुला लेता हूं। उनके साथ क्या कुछ चल रहा है, किसी को कोई दिक्कत तो नहीं है, इसपर चर्चा करता हूं। शाम को सभी सीनियर मोस्ट लोगों को बुलाकर कॉफी पर चर्चा कर लेता हूं। इसके बाद घर के लिए निकल जाता हूं। इस तरह काम चल जाता है।
घर जाने पर एक घंटा सैर : शाम को घर जाने के बाद डॉ. दिव्यकीर्ति एक घंटा सैर जरूर करते हैं। वो सैर करने का समय रात 11 से 12 बजे या 12 से 1 बजे के बीच होता है। उस समय सोसायटी के अंदर सैर करते समय सड़क पर अधिक लोग नहीं मिलते हैं। ये सैर गर्मियों के साथ ही सर्दियों में भी जारी रहती है। उस समय उनके साथ संस्था के सीनियर मोस्ट डिप्टी सीईओ साथ होते हैं। उस आधे एक घंटे के दौरान दिनभर की घटनाओं का ब्रीफ लेते हैं।
एक दिन में कितना पढ़ते हैं? : डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का कहना है कि वो रात को सैर खत्म करने के बाद 12 बजे से सुबह तीन बजे तक पढ़ते हैं। क्या पढ़ने के सवाल पर वे कहते हैं कि इस बारे में कुछ भी निश्चित नहीं होता है। उन्हें यदि किसी विषय पर वीडियो बनाना है तो उसपर रिसर्च करते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि रिसर्च का कोई भी टॉपिक नहीं तो कोई भी किताब जो भी सामने होती है उसे पढ़ते हैं। डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के स्टडी रूप में करीब 1500 किताबें हैं। उनमें से जो भी लगता है कि यह पढ़ना ठीक रहेगा। उसे पढ़ते हैं। रात को तीन घंटे पढ़ने के बाद ही वह सोने जाते हैं। उनका कहना है कि यदि वह रात को ना पढ़ें तो वे बेचैन हो जाते हैं। विकास दिव्यकीर्ति के शब्दों में ‘इस तरह पढ़ाई, सैर और नाश्ते पर परिवार के साथ चर्चा ना हो तो लगता है कि मेरा जीवन अधूरा है।’