चंडीगढ़, 1 जनवरी (The News Air) केंद्र सरकार द्वारा लाए गए ‘हिट एंड रन’ के नए कानून के विरोध में ट्रक-टैंकर ड्राइवरों ने देशभर में हड़ताल छेड़ दी है। नए कानून को लेकर ड्राइवरों में सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है। सड़कों पर प्रदर्शन करते हुए ड्राइवरों ने ट्रक-टैंकरों के पहिये जहां के तहां रोक दिए हैं। जहां ऐसे में कई चीजों की सप्लाई बेहद प्रभावित हो रही है और आम लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। ट्रक-टैंकरों के पहिये थमने से सबसे ज्यादा किल्लत देशभर में पेट्रोल-डीजल की हो रही है। देश में कई जगहों पर पेट्रोल पंप ड्राई हो रहे हैं और जो नहीं हुए हैं वो होने वाले हैं।
आलम यह है कि, पेट्रोल-डीजल खत्म होने की जानकारी मिलने पर लोग पेट्रोल पंपों पर दौड़ गए हैं। देश के विभिन्न पेट्रोल पंप इस वक्त वाहनों की लंबी-लंबी कतारों से भरे पड़े हैं। पेट्रोल-डीजल खत्म होने के डर से लोगों में अफरा-तफरा देखी जा रही है। जहां इसी बीच चंडीगढ़ से भी एक तस्वीर सामने आई है। चंडीगढ़ के सेक्टर-4 स्थित एक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल-डीजल पूरी तरह से खत्म हो गया है। पेट्रोल-डीजल खत्म होने के बारे में पेट्रोल पंप पर नोटिस लगा दिए गए हैं।
ताकि पेट्रोल-डीजल भराने आ रहे लोगों को पहले ही जानकारी हो जाये कि पंप पर पेट्रोल-डीजल खत्म हो चुका है। फिलहाल, आगे-आगे चंडीगढ़ के और भी पेट्रोल-डीजल इसी तरह की स्थिति से जूझते हुए दिखाई दे सकते हैं। वहीं पंजाब में भी पेट्रोल पंप ड्राई होने की स्थिति में हैं। बताया जा रहा है कि, पंजाब में कई पेट्रोल पंप अब तक ड्राई हो चुके हैं। इसके साथ ही दिल्ली, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, और यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में पेट्रोल पंपों पर वाहनों की लंबी कतारें देखने को मिल रहीं हैं। इन राज्यों में भी पेट्रोल पंप सूखने की स्थिति में चले गए हैं। पेट्रोल पंपों संगठनों का कहना है कि अगर ट्रक-टैंकर ड्राइवरों की हड़ताल आज खत्म न हुई तो देशभर में जगह-जगह पेट्रोल पंप ड्राई हो जाएँगे।
‘हिंट एंड रन’ के नए कानून में क्या है?
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के शीत सत्र के दौरान देश के अपने तीन नए आपराधिक विधेयक (भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023) पेश किए थे जो लोकसभा और राज्यसभा से पारित हुए और बाद में राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद ये कानून बन गए। इन तीनों ही क़ानूनों ने अब आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले ली है। जहां भारतीय न्याय संहिता के तहत ही हिट एंड रन कानून में बदलाव किया गया है।
कानून के अनुसार अगर ड्राइवर ट्रक-टैंकर ड्राइवर किसी को कुचलने के बाद वहाँ नहीं रुकते हैं और पीड़ित को अस्पताल पहुंचाने या पुलिस प्रशासन को सूचना दिए बिना भाग जाते हैं तो उन्हें 10 साल तक की कैद होगी और उनपर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर साल 50 हजार लोगों की सड़क पर हिट एंड रन के मामलों में मौत हो जाती है। बता दें कि अब तक कानून के मुताबिक हिट एंड रन केस में 2 साल की सजा का प्रावधान था और बेल मिल जाती थी।
नए कानून से ड्राइवरों को इतनी परेशानी क्यों?
ड्राइवरों का कहना है कि अगर उनके वाहन से कोई हादसा होता है और कोई कुचला जाता है तो ऐसे में जो नया कानून है वह उनके लिए दोधारी तलवार सिद्ध होगा. अगर हादसे के बाद वह मौके पर रुकते हैं तो उनके लिए भीड़ हिंसक हो सकती है, खुद उनकी जान को भीड़ से खतरा हो सकता है और अगर वह भागते हैं तो कानून के मुताबिक 10 साल तक की कैद होगी और उनपर 7 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। ट्रक-टैंकर का ड्राइवरों का कहना है कि कई बार उनकी गलती नहीं होती है लेकिन फिर भी उनपर दोष मढ दिया जाता है क्योंकि बड़े वाहन हैं। ट्रक ड्राइवरों का कहना है कि, सरकार ‘हिंट एंड रन’ के नए कानून को वापस ले। ड्राइवरों का कहना है कि, इस कानून से एक हादसे के चलते उनका पूरा जीवन प्रभावित हो जाएगा।
ऐसे मामलों में ड्राइवरों को मिलेगी राहत
हालांकि नए कानून के अनुसार यदि वाहन से टकराने वाला व्यक्ति गलत तरीके से वाहन के सामने आता है या फिर अवैध रूप से सड़क को पार करता है तो फिर ऐसे मामलों में ड्राइवरों को राहत मिलेगी। ऐसे मामलों में अधिकतम 5 साल की सजा और जुर्माने का ही प्रावधान होगा। लेकिन अगर ड्राइवर ही गलत ढंग से वाहन चला रहे हैं और लापरवाही से हादसा कर रहे हैं और फिर भाग जा रहे हैं तो ऐसे में फिर ड्राइवर को 10 साल तक की कैद होगी।






