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Conjunctivitis: क्या संक्रमित व्यक्ति को देखने से भी हो सकता है आई फ्लू? जानें कंजक्टिवाइटिस से जुड़ी तमाम जानकारियां

The News Air by The News Air
शनिवार, 5 अगस्त 2023
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eye flu ka upchar ghar par ho sakta hai
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Conjunctivitis Myths : आजकल दिल्ली-एनसीआर सहित देश की तमाम मेट्रो सिटीज़ में ज्यादातर लोगों की आंख आपको लाल दिखेगी, कहीं कोई चश्मा लगाया दिखेगा तो वहीं कहीं कोई एक दूसरे से आँख चुराते हुए. लेकिन लोगों के आँखों में लाली और चश्मा लगाना किसी तरह के गुस्से और फैशन की निशानी नहीं बल्कि ‘कंजक्टिवाइटिस'(Conjunctivitis) की देन है.

लेकिन कंजक्टिवाइटिस को लेकर आम लोगों के मन में कई तरह के मिथ हैं। कोई यह समझता है कि ‘कंजक्टिवाइटिस’ से ग्रसित रोगी की आंखों में देखने से यह रोग हो जाता है, तो किसी को लगता है कि इसका कोई इलाज़ नहीं कराना चाहिए, ये अपने आप ठीक हो जाएगा। इन्हीं तरह के तमाम मिथ्स और अफवाहों का क्या है सच आइये जानते हैं।

क्या आंखों – आंखों में हो जाता हैं ‘कंजक्टिवाइटिस’ (How Conjunctivitis Spread) ?

अक्सर बॉलीवुड की फिल्मों में आपने सुना या देखा होगा कि एक-दूसरे की आंखों में देखने से प्यार-मोहब्बत हो जाता है। मुहब्बत के मामले में भले ही ये फ़िल्मी बात कुछ हद तक सही हो, लेकिन ‘कंजक्टिवाइटिस’ यानी आई-फ्लू (Eye Flu) के संदर्भ में ये बात साफ तौर पर गलत है। इस बीमारी को लेकर आम व्यक्ति के मन में सबसे बड़ा मिथ यही है कि यदि उन्होंने पीड़ित रोगी कि आंखों में देख लिया तो उन्हें भी ये रोग हो जाएगा।

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eye flu ka upchar ghar par ho sakta hai
आई फ्लू के कारण आंखों में खुजली होने लगती है, आंखें लाल हो जाती हैं। चित्र : अडोबी स्टॉक

इसी मामले पर गहन और विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हेल्थ शॉट्स ने कानपुर के रीजेंसी हेल्थ हॉस्पिटल की कंसल्टेंट ऑपथेलमोलॉजिस्ट डॉ. संगीता शुक्ला से बात की।

डॉ. संगीता शुक्ला ने हमसे बात करते हुए बताया कि ये एक बहुत बड़ी गलतफहमी है और कंजक्टिवाइटिस किसी को देखने से नहीं होता है। उन्होंने कई आई-स्पेशलिस्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि यदि ऐसा होता तो आज देश-भर के न जाने कितने ऑपथेलमोलॉजिस्ट को कंजक्टिवाइटिस हो गया होता क्योंकि वे तो कितने लोगों का उपचार कर रहें हैं।

डॉ. शुक्ला ने बताया कि कंजक्टिवाइटिस किसी को देखने से नहीं बल्कि पीड़ित व्यक्ति की आंख से निकलने वाले आंसू यानी तरल पदार्थ से फैलता है। यानी जब तक आप किसी भी पीड़ित व्यक्ति की आंखों से निकलने वाले तरल पदार्थ के संपर्क में नही आते, तब तक आपको डरने की कोई आवश्यकता नही हैं।

कंजक्टिवाइटिस का इलाज कराना जरूरी नहीं है?

कंजक्टिवाइटिस को लेकर भ्रामक अवधारणओं की फेहरिस्त में एक मिथ यह भी है कि इस रोग का कोई इलाज़ नहीं है। साथ ही इसका इलाज़ करवाने की भी कोई जरुरत नहीं है, क्योंकि यह अपने आप ठीक हो जाता है। इस मिथ पर बात करते हुए डॉ. संगीता शुक्ला ने बताया कि आंख किसी भी व्यक्ति के शरीर का बेहद संवेदनशील हिस्सा होती हैं। उसमें होने वाले किसी भी बदलाव को हमें हल्के में नहीं लेना चाहिए।

इस रोग के इलाज के बारे में बात करते हुए विशेषज्ञ कहते हैं कि कंजक्टिवाइटिस एक माइल्ड इंफेक्शन है, जिसका उपचार कराना बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि बेशक ये बीमारी कुछ दिन में ठीक हो जाती है लेकिन एक बार डॉक्टर से कंसल्ट करना बेहद जरूरी है।साथ ही उन्होंने कहा यदि अपनी आंखों में किसी भी तरह की असुविधा, सूजन या ज्यादा लालिमा हो, तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए।

खुद ही न बनें अपने डॉक्टर

अगर आपको भी आँखों में रेडनेस और आई-फ्लू में होने वाली परेशानियां हो रहीं हैं तो सबसे पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें न कि किसी भी मेडिकल स्टोर से आई-ड्राप या अन्य दवाएं लाकर खुद के डॉक्टर बनें।

अक्सर आँख में होने वाली कई तरह की समस्याओं के लक्षण आई-फ्लू जैसे ही होते है लेकिन वो आई-फ्लू नहीं बल्कि कोई और बीमारी होती है. इसलिए सबसे पहले डॉक्टर से परामर्श करें और फिर कोई अन्य कदम उठायें।

red eye
आंख बार-बार लाल हो रही है तो ध्यान दें। चित्र- शटरस्टॉक

क्या हैं कंजक्टिवाइटिस के लक्षण?

अगर कंजक्टिवाइटिस के आम लक्षणों की बात करें तो इसमें आंखों में खुजली होना, जलन और लालिमा होना, आंखों से अत्यधिक आंसू आना, कभी-कभी आंखों से मवाद निकलना, कॉन्टैक्ट लेंस से असहज महसूस करना और साथ ही पलकों का चिपकना शामिल हैं।

क्यों होता है कंजक्टिवाइटिस?

कंजक्टिवाइटिस यानी आई-फ्लू इन दिनों यानी मानसून के मौसम में अपने चरम पर है. दरअसल मानसून के मौसम में ज्यादा तापमान और कम ह्यूमिडिटी के कारण वातावरण में नमी हो जाती है और इसी के कारण तमाम तरह के बैक्टीरिया और वायरस सक्रिय हो जाते है. इन्ही बैक्टीरिया और वायरस के कारण तमाम तरह की बीमारियां होने लगतीं हैं, जिनमें ‘कंजक्टिवाइटिस’ भी शामिल हैं.

क्या हैं इसके बचाव?

कंजक्टिवाइटिस से बचने के लिए अगर सबसे महत्वपूर्ण कुछ है तो वो है स्वच्छता. मॉनसून के समय में बैक्टीरिया और वायरस काफी सक्रिय होते हैं इसलिए हमें स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही हमें अपनी आँखों को मैले हाथों से छूने से बचना चाहिए और साथ ही आँख को थोड़े-थोड़े अंतराल के बाद साफ़ पानी से धोते रहना चाहिए।

साथ ही इससे और बचाव के लिए हमें साफ़ तौलिये से मुंह पोंछना चाहिए और यदि आप मेकअप करते है तो ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी बेहद परख कर ही लेने चाहिए। चूँकि ये रोग संक्रामक है इस लिए इससे संक्रमित रोगी की प्रयोग की जाने वाली चीज़े जैसे तौलिया, तकिया आदि से दूरी बना कर रखनी चाहिए।

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