मुंबई: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) ने शुक्रवार को कहा कि बारसू रिफाइनरी परियोजना (Barsu Refinery Project) में देरी के कारण विदेशी साझेदार ने पाकिस्तान (Pakistan) में निवेश किया और पड़ोसी देश को लाभ मिला।
गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे फडणवीस ने विधान परिषद में कहा कि कुछ लोग देश में विकास नहीं चाहते हैं, वे आरे, बुलेट ट्रेन, बारसू रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ और यहां तक नर्मदा बचाओ आंदोलन के सिलसिले में प्रदर्शन में देखे जा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यदि आप उसका रिकार्ड जांचे तो आप पायेंगे कि वे लगातार बेंगलुरु जाते हैं। उनके (बैंक) खाते में बेंगलुरु से पैसा आता है।” उन्होंने दावा किया कि कुछ कार्यकर्ता ग्रीनग्रीस (पर्यावरण के लिए मुहिम चलाने वाला संगठन) के पूर्व कार्यकर्ताओं के संपर्क में हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगले 20 साल तक राज्य की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने वाली परियोजनाओं का विरोध करना गलत है। उन्होंने कहा, ‘‘ यह (बारसू परियोजना) महाराष्ट्र के लिए लाभदायक है। चूंकि हमने देरी की इसलिए जो कंपनियां (भारत) सरकार की कंपनियों के साथ आयी थीं, उन्होंने पाकिस्तान में निवेश किया। पाकिस्तान इससे लाभान्वित हो रहा है। लेकिन अब भी हमारी कंपनियां रिफाइनरी का निर्माण करेंगी।”
वह परोक्ष रूप से सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी अरामको का जिक्र कर रहे थे। महाराष्ट्र के रत्नागिरि जिले में स्थानीय लोगों का एक समूह बारसू रिफाइनरी के खिलाफ खड़ा गया था क्योंकि उसे डर था कि यह विशाल परियोजना तटीय कोंकण क्षेत्र की नाजुक जैवविविधता तथा उनकी आजीविका पर भी बुरा असर डालेगी। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि औरंगजेब के मुद्दे पर राज्य को अस्थिर करने की चेष्टा की जा रही है जिसके फलस्वरूप हाल के महीनों में कुछ झड़पें भी हुईं।
उन्होंने कहा, ‘‘अचानक कई जिलों में एक ही समय पर औरंगजेब के जुलूस , पोस्टर और सोशल मीडिया स्टेटस लगाये गये। यह कोई संयोग नहीं बल्कि प्रयोग है। औरंगजेब भारतीय मुसलमानों का कभी नायक नहीं था।” उन्होंने कहा कि देश के नायक छत्रपति शिवाजी, छत्रपति संभाजी और ए पी जे अब्दुल कलाम हो सकते हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हम धर्म या जाति के आधार पर भेदभाव नहीं करेंगे। लेकिन हम ऐसे किसी भी व्यक्ति को नहीं बख्शेंगे जो औरंगजेब की महिमामंडन करेगा।” (एजेंसी)






