नई दिल्ली. आज जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तीन साल पूरे होने के उपलक्ष्य में यहां आयोजित अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन से पहले शनिवार को एक प्रदर्शनी देखी। वहीं प्रधानमंत्री ने इस दौरान छात्रों से भी बातचीत भी की। जानकारी यह दो दिवसीय समागम प्रगति मैदान के ‘भारत मंडपम’ में आयोजित किया जा रहा है।
वहीं आज उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ‘पीएम श्री योजना’ के तहत धन की पहली किस्त भी जारी की। इस योजना के तहत केंद्र एवं राज्य सरकारों के साथ ही स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित स्कूलों में से मौजूदा स्कूलों को मजबूत करके 14,500 से अधिक पीएम श्री स्कूलों की स्थापना का प्रावधान है।
The National Education Policy aims to make India a hub for research and innovation. Speaking at the Akhil Bharatiya Shiksha Samagam. https://t.co/bYOjU6kby5
— Narendra Modi (@narendramodi) July 29, 2023
इस योजना से अब स्कूल छात्रों को इस तरह से पोषित करेंगे कि वे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 द्वारा परिकल्पित न्यायसंगत, समावेशी और बहुलवादी समाज के निर्माण के लिए योगदान देने वाले नागरिक बनें। इस अवसर पर प्रधानमंत्री 12 भारतीय भाषाओं में अनुदित शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की पुस्तकों का विमोचन भी किया ।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi releases the first instalment of the funds for schools under the PM Shri scheme. pic.twitter.com/ie6ip406Eg
— ANI (@ANI) July 29, 2023
आज अपने उद्बोधन में PM मोदी ने कहा कि, “यह शिक्षा ही है जो देश का भाग्य बदलने की ताकत रखती है। देश जिस लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रहा है उसमें शिक्षा की अहम भूमिका है। आप इसके प्रतिनिधि हैं।अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर है।”
उन्होंने आज कहा कि, “NEP ने पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक को संतुलित तरीके से महत्व दिया है।।।रिसर्च इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए देश के शिक्षा जगत के सभी महानुभावों ने बहुत मेहनत की है।।।हमारे छात्र नई व्यवस्थाओं से भली-भांति परिचित हैं, वे जानते हैं कि 10+2 शिक्षा प्रणाली की जगह अब 5+3+3+4 लाई जा रही है।”
भारत में शिक्षा के प्रगति पर PM मोदी ने कहा कि, “काशी के रुद्राक्ष से लेकर आधुनिक भारत के इस मंडप तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की यात्रा अपने आप में एक संदेश समेटे हुए है। वह प्राचीनता और आधुनिकता का संगम है। हमारी शिक्षा प्रणाली भारत की परंपराओं को संरक्षित कर रही है, जबकि देश आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी में भी आगे बढ़ रहा है।”
इसके साथ ही आज उन्होंने कहा कि, 3 से आठ वर्ष तक बच्चों के लिए फ्रेम वर्क तैयार हो गया है, जिसे जल्द ही लागू किया जाएगा। पूरे देश में CBSE स्कूलों में पाठ्यक्रम अब एक जैसा ही होगा। अब किताबें 22 भारतीय भाषाओं में होगी। अब युवाओं की प्रतिभा को उनकी भाषा के आधार पर देखा जाना सबसे बड़ा अपराध है। मातृ भाषा में पढ़ाई होने से ग्रामीण क्षेत्रों के प्रतिभावान युवाओं को फायदा होगा।
उन्होंने बताया कि, “सोशल साइंस लेकर इंजीनियरिंग तक की पढ़ाई अब भारतीय भाषाओं में होगी। युवाओं के पास भाषा का आत्मविश्वास होगा, तो उनकी प्रतिमा निखरकर सामने आएगी। इससे देश को भी फायदा होगा। भाषा के नाम पर राजनीति करने वालो की दुकान बंद हो जाएगी।”
शिक्षा की गरिमा को लेकर आज PM मोदी ने कहा कि, “आने वाले 25 वर्ष बहुत ही हमारे लिए महत्वूर्ण है। इन सालो में हमें ऊर्चा से भरी युवा पीढ़ी तैयारी करनी है। एक ऐसी पीढ़ी तैयार करना है, जो हर क्षेत्र में देश का नाम रोशन करें। गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा में कई पैरामीटर है, लेकिन जब हम भारत की बात करते है, तो समानता। देश के सभी युवाओं को समान शिक्षा मिले। यह NEP में सुनिश्चित किया गया है।”
उनके अनुसार कई ग्लोबल यूनिवर्सिटी भारत मे अपना कैंपस खोलने को तैयार हैं। आस्ट्रेलिया की दो यूनिवर्सिटी का कैंपल गुजरात में खुलने वाला हैं। PM मोदी ने बताया कि,” आज अभिभावकों को अपने बच्चों को खुली उड़ान का मौका देना होगा, जिससे कि वह कुछ नया कर सकें। हमें बच्चों को किताबों को दबाव से मुख्त करना होगा।”
अपने उद्बोधन के अंत में उन्होंने कहा कि, “हमारे स्कूल में पर्यावरण परिवर्तन जैसे मुद्दे पर परिचित करना होगा। हमें शिक्षा व्यवस्था की इस तरह से तैयार होगा कि युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़े। भारत की परंपरओं में भी दुनिया की दिलचस्पी बढ़ रही है। योग, कला, संगीत, साहित्य और संस्कृत के क्षेत्र में भविष्य की अपार संभावनाएं हैं। हमें युवा पीढ़ी को इनसे परिचित करना होगा। इससे नए भारत का निमार्ण होगा। जब देश आजादी का 100 साल बनाएगा, तो हमारा देश विकसित होकर रहेगा, जो आज स्कूलों में तैयार हो रहे हैं, वह कल हमारे देश के भविष्य को तैयार करेंगे।”