शेयर बाजार में लगातार 6 दिनों की तेजी के बाद 21 जुलाई को भारी गिरावट का दौर है। दरअसल, कुछ बड़ी कंपनियों की जून तिमाही के नतीजे अच्छे नहीं रहे हैं और इसका असर बाजार पर दिख रहा है। साथ ही, कमजोर ग्लोबल रुझानों और घरेलू संस्थागत निवेशकों द्वारा बिकवाली से भी माहौल प्रभावित हुआ है।
20 जुलाई को दोपहर 2.24 बजे निफ्टी सूचकांक (Nifty 50) 223.20 अंकों की गिरावट के साथ पर 19756 पर कारोबार कर रहा था, जबकि बीएसई सेंसेक्स 839.58 अंकों की गिरावट के साथ 66732.32 पर कारोबार कर रहा था।
कुछ सेक्टरों को छोड़ दिया जाए, तो सभी शेयरों में बिकवाली हो रही है। PSU बैंकों, मीडिया और रियल्टी सेक्टर में स्थिति बेहतर है। निफ्टी स्मॉलकैप 100 की परफॉर्मेंस सूचकांकों से बेहतर है, जबकि मिडकैप इंडेक्स में गिरावट दिख रही है।
बाजार में गिरावट की अहम वजहों के बारे में यहां जानकारी दी जा रही है:
गिरावट की सबसे बड़ी वजह आईटी सेक्टर की प्रमुख कंपनी इंफोसिस (Infosys) के गाइडेंस में कमी है। इसका असर बाजार के सभी हिस्सों पर दिख रहा है। कंपनी के स्टॉक में भी तेज गिरावट है। इंफोसिस ने मौजूदा फाइनेंशियल ईयर के लिए अपना रेवेन्यू गाइडेंस 4-7 पर्सेंट से घटाकर 1-1.35 पर्सेंट कर दिया है। यह कटौती बाजार की उम्मीदों से काफी ज्यादा है। इस वजह से बाकी आईटी (IT) शेयरों में भी गिरावट है।
ब्रोकिंग फर्म इनक्रेड इक्विटीज (InCred Equities) के वाइस प्रेसिडेंट गौरव बिस्सा ने बताया, ‘लॉन्ग टर्म चार्ट में स्टॉक 15 साल के ऊपरी लेवल के ट्रेंडलाइन ब्रेकआउट एरिया से ज्यादा पर ट्रेड कर रहा है। इससे संकेत मिल रहे हैं कि कंपनी के लिए लॉन्ग टर्म स्ट्रक्चर मजबूत बना हुआ है। शॉर्ट से मीडियम टर्म में स्टॉक 1250 से 1500 रुपये के रेंज में रह सकता है। लॉन्ग टर्म इनवेस्टर इस गिरावट का इस्तेमाल खरीदारी के अवसर के तौर पर कर सकते हैं और 18-24 महीने की समयसीमा के साथ कंपनी में निवेश कर सकते हैं।’
RIL, HUL के शेयर लुढ़के
निफ्टी और सेंसेक्स इंडेक्स की दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) के शेयरों में भी तेज गिरावट है। कंपनी की फाइनेंशियल इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज (Jio financial services) के डीमर्जर के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट हुई है। सेंसेक्स की गिरावट में कंपनी के शेयरों का प्रमुख योगदान है। पहली तिमाही के नतीजों के बाद हिंदुस्तान यूनिलीवर (Hindustan Unilever) के शेयरों में भी तेज गिरावट दिख रही है। नतीजों के मुताबिक, कंपनी की डोमेस्टिक वॉल्यूम ग्रोथ महज 3 पर्सेंट रही है, जो अनुमान से काफी कम है।
ग्लोबल मार्केट
अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज नैस्डैक (Nasdaq) में इस साल 40 पर्सेंट की बढ़ोतरी के बाद 20 जुलाई को मार्च के बाद की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली। टेस्ला (Tesla) और नेटफ्लिक्स (Netflix) के नतीजे खराब रहने की वजह से नैस्डैक में गिरावट आई। इस तरह, दुनिया भर के बाजारों में सुस्ती का माहौल बनने लगा। जापना के शेयर बाजार में भी कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई।
टेक्निकल व्यू
शेयर बाजार में गिरावट पूरी तरह से अप्रत्याशित नहीं थी। ICICI सिक्योरिटीज ( ICICI Securities) के एक्सपर्ट्स का कहना है कि पिछले 15 कारोबारी सत्रों में निफ्टी 50 (Nifty 50) सूचकांक में 1,100 अकों से भी ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऐसे में थोड़ी सी बिकवाली अनुमानों के उलट नहीं है।
ICICI सिक्योरिटीज के मुताबिक, ‘शेयर बाजार में तेजी के बाद छिटपुट गिरावट ज्यादा चिंता की बात नहीं है। हम निफ्टी को लेकर पॉजिटव बने हुए हैं और उम्मीद करते हैं कि यह 20,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार करने में सफल होगा। लिहाजा, गिरावट का इस्तेमाल अच्छे स्टॉक में निवेश के लिए किया जाना चाहिए, क्योंकि 19,500 के लेवल पर निफ्टी को जबरदस्त सपोर्ट मिल रहा है।’






