- जल मंत्री सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में दिल्ली जल बोर्ड ने परियोजनाओं के लिए कानूनी फर्म की नियुक्ति को लेकर पारित किया आदेश
- डीजेबी की 10 करोड़ रुपये से ऊपर की सभी नई परियोजनाओं में अनिवार्य रूप से विभिन्न एक्सपर्ट कानूनी फर्म को किया जाएगा शामिल
- विभिन्न कानूनी फर्म, परियोजनाओं से जुड़े सभी कानूनी अनुपालन, कॉम्युनिकेशन और कांट्रेक्ट एग्रीमेंट के कार्य करेगी- सौरभ भारद्वाज
- इन कानूनी फर्म की मदद से परियोजनाओं का कार्य करने वाली कंपनियों पर रहेगी निगरानी, एग्रीमेंट में उल्लंघन हुआ तो डीजेबी तुरंत करेगा कार्रवाई-सौरभ भारद्वाज
- विभिन्न कानूनी फर्म दिल्लीवालों के हित में चल रहीं परियोजनाओं में गुणवत्तापूर्ण कार्य करेगी सुनिश्चित, ताकि जनता उठा सके इनका लाभ- सौरभ भारद्वाज
- 1500 से अधिक परियोजनाओं पर डीजेबी कर रहा काम, प्रमुख परियोजनाओं की सीएम अरविंद केजरीवाल स्वयं कर रहे निगरानी
नई दिल्ली, 29 जून (The News Air) केजरीवाल सरकार, दिल्ली में हर घर को साफ और भरपूर पानी उपलब्ध कराने और यमुना को स्वच्छ बनाने के लिए अनधिकृत कालोनियों व गांवों को सीवर नेटवर्क से जोड़ने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए दिल्ली जल बोर्ड द्वारा 1500 से अधिक परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। ऐसे में जनता की हित में चल रही परियोजनाओं का कार्य उच्च गुणवत्ता के साथ पूरा हो, इसके लिए केजरीवाल सरकार ने डीजेबी में विभिन्न एक्सपर्ट कानूनी फर्म को शामिल करने का फैसला लिया है। इसे लेकर जल मंत्री सौरभ भारद्वाज की अध्यक्षता में दिल्ली जल बोर्ड ने आदेश पारित किया है कि डीजेबी की 10 करोड़ से ऊपर की सभी नई परियोजनाओं में अलग-अलग एक्सपर्ट कानूनी फर्म को अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा। परियोजना से जुड़े सभी कानूनी अनुपालन, कॉम्युनिकेशन और कांट्रेक्ट एग्रीमेंट के कार्य कानूनी फर्म करेगी। इससे जहां कंपनी द्वारा एग्रीमेंट के उल्लंघन पर डीजेबी द्वारा तुरंत कार्रवाई की जा सकेगी, वहीं कानूनी फर्म यह भी सुनिश्चित करेगी कि जनता के लिए शुरू की जाने वाली परियोजनाएं उच्च गुणवत्ता और सभी कानूनों का पालन करते हुए पूरी हो सके, ताकि जनता को इनका लाभ मिले।
परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान सामने आई अधिकारियों की लापरवाही
सीएम अरविंद केजरीवाल के निर्देशों का पालन करते हुए डीजेबी द्वारा यमुना को प्रदूषण मुक्त करने और दिल्ली में 24 घंटे जलापूर्ति प्रदान करने की महत्वाकांक्षी योजना को पूरा करने के लिए 1500 से अधिक परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है। सीएम अरविंद केजरीवाल प्रमुख परियोजनाओं की निगरानी स्वयं कर रहे हैं। वहीं, जल मंत्री व डीजेबी अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज द्वारा हर सप्ताह सभी परियोजनाओं की समीक्षा की जा रही है। परियोजनाओं की समीक्षा करते समय यह देखा गया कि लोगों के हित वाली कई परियोजनाओं में कानूनी तौर पर एग्रीमेंट से विचलन (डेविएशन) है। यह भी पता चला की ऐसी भी कई परियोजनाएं है, जोकि विभिन्न कारणों से अदालतों में या अन्य कानूनी कारणों के चलते लटकी हुई हैं।
पेयजल और सीवेज सेवाओं से जुड़े प्रोजेक्ट्स में देरी के चलते जनता को हुई परेशानी
कई मामलों में ये बात भी सामने आई कि कि वरिष्ठ अधिकारियों, बोर्ड और मंत्री को जानकारी दिए बिना ही निचले स्तर पर ही अधिकारी ठेकेदारों के साथ मिलकर प्रोजेक्ट को पूरा करने के नियमों और शर्तों को शिथिल कर देते हैं। वहीं, परियोजनाओं की समीक्षा में देखा गया कि डीजेबी अधिकारी किसी भी परियोजना के लिए कागजी कार्य को पूरा करते समय उसका कानूनी कार्य पूरा नहीं करते हैं या फिर इतना कमजोर पेपर वर्क होता है जिससे ठेकेदारों को फ़ायदा होता है। इस वजह से कई मामलों में डीजेबी को मध्यस्थता और यहां तक की अदालतों में भारी नुकसान झेलना पड़ता है। केवल इतना ही नहीं, इन लापवाहियों की के चलते एक तरफ तो सरकार को वित्तीय नुकसान हुआ, वहीं दूसरी तरफ पेयजल और सीवेज सेवाओं से जुड़े प्रोजेक्ट्स में भी देरी हुई है। इस कारण दिल्ली की जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
गुणवत्तापूर्ण कार्य, डीजेबी का पैसा बचाने और कानूनी अनुपालन को पूरा करने में मदद करेगी विभिन्न कानूनी फर्म
जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि परियोजनाओं की समीक्षा बैठकों के दौरान जो समस्याएं सामने आई है, उनके समाधान के लिए डीजेबी की 10 करोड़ से ऊपर की सभी हर नई परियोजनाओं में विभिन्न कानूनी फर्म को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाएगा। ये कानूनी फर्म परियोजना से जुड़े सभी कानूनी कार्यों को पूरा करेगी। इससे न केवल एग्रीमेंट के उल्लंघन के मामले में डीजेबी की तरफ से समय पर कार्रवाई सुनिश्चित की जा सकेगी, साथ ही दिल्लीवालों के लिए शुरू की जाने वाली सेवाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा कर इसे जनता को सौंपा जा सकेगा। इससे दिल्ली जल बोर्ड की कार्यक्षमता को लंबे समय तक बढ़ाने में मदद मिलेगी। उदहारण के लिए, अगर डीजेबी किसी कंपनी को 10 करोड़ रूपए से अधिक की परियोजना का कॉन्ट्रेक्ट देते है तो उस मामले में सभी कानूनी कार्रवाई को पूरा करने में ये कानूनी फर्म मदद करेगी। वर्तमान में डीजेबी द्वारा ये सभी कार्य स्वयं किए जाते है। खास बात यह है कि एक तरह से ये कानूनी फर्म परियोजना का कार्य करने वाली कंपनी की निगरानी भी करेगी, ताकि प्रोजेक्ट के कार्य में देरी होने पर दिल्ली जल बोर्ड तुरंत कानूनी कार्रवाई शुरू कर सके।
केजरीवाल सरकार विभिन्न परियोजनाओं पर युद्धस्तर पर कर रही काम
उल्लेखनीय है कि सीएम अरविंद केजरीवाल ने 2025 तक यमुना को साफ करने की जिम्मेदारी डीजेबी को दी है। यमुना क्लीनिंग सेल नए एसटीपी, डीएसटीपी का निर्माण, मौजूदा एसटीपी का 10/10 तक उन्नयन और क्षमता वृद्धि, अनधिकृत कालोनियों में सीवरेज नेटवर्क बिछाना, सेप्टेज प्रबंधन; ट्रंक/परिधीय सीवर लाइनों की गाद निकालना, पहले से अधिसूचित क्षेत्रों में सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना, आइएसपी के तहत नालों की ट्रैपिंग, नालियों का इन-सीटू ट्रीटमेंट आदि कार्यों कर रही हैं, ताकि दिल्लीवालों को किसी परेशानी का सामना न करना पड़े और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले। वहीं, दिल्ली को साफ-सुथरा रखने और यमुना को प्रदूषण मुक्त करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री मुफ्त सीवर कनेक्शन योजना के अंतर्गत दिल्लीवासियों को मुफ्त सीवर कनेक्शन भी सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे है।
इसके अलावा डीजेबी अमेरिका, स्विट्जरलैंड, फ्रॉस और ग्रीस की तरह दिल्ली में जलापूर्ति को व्यवस्थित करने को लेकर भी युद्ध स्तर पर काम कर रही है, ताकि दिल्ली के सभी इलाकों में जरूरत के अनुसार पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। एक जुलाई से दिल्ली जल बोर्ड जलापूर्ति का सेंट्रलाइज्ड मॉनिटरिंग करना शुरू कर देगा। इसके आधार पर आवश्यकता के अनुसार दिल्ली के विभिन्न इलाकों में पानी की आपूर्ति की जा सकेगी। इस व्यवस्था को लागू होने के बाद दिल्ली के किसी भी इलाके में पानी की अतिरिक्त या कम आवश्यकता होने की सेंट्रलाइज्ड जानकारी मिल सकेगी और इसके आधार पर दिल्ली जल बोर्ड उस इलाके में आवश्यकतानुसार जलापूर्ति को लेकर निर्णय ले सकेगा। साथ ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी एप के जरिए जलापूर्ति के सेंट्रलाइज्ड डेटा पर अपनी पैनी नजर रखेंगे।