अमृतसर (The News Air) शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) पंजाब विधानसभा में पास किए गए गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल मानने से इंकार कर चुकी है। पंजाब विधानसभा के गुरुद्वारा एक्ट में संशोधन बिल के खिलाफ निर्णय लेने के लिए जनरल इजलास गोल्डन टेंपल परिसर में बने तेजा सिंह समुद्री हाल में शुरू हो चुका है।
सोमवार तेजा सिंह समुद्री हाल में अरदास के बाद जनरल इजलास की शुरुआत की गई। जनरल सेक्रेटरी गुरचरण सिंह गरेवाल ने शुरुआत में सभा को संबोधित किया। जिसके बाद SGPC प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने बोलना शुरू किया। एडवोकेट धामी ने कहा कि आज का इजलास इतिहास रचने जा रहा है। 1925 को एक्ट बनने से लेकर 1959 तक सिखों ने यत्न करने के बाद गुरुद्वारा एक्ट को मजबूत किया था।
तेजा सिंह समुद्री हाल में पहुंचे SGPC सदस्य।
एडवोकेट धामी ने कहा कि गुरुद्वारा एक्ट 1925 में संशोधन करने के लिए SGPC सदस्यों की एक तिहाई सहमति चाहिए होती है। आज तक जितने भी मते पास किए गए व एक्ट में संशोधन किए गए, वे SGPC की मंजूरी से किए गए हैं। लेकिन इस बार पंजाब सरकार सिखों के पूर्वजों के बलिदानों को दरकिनार कर जबरदस्ती इस एक्ट में संशोधन करना चाहती है। यह होने नहीं दिया जाएगा।
SGPC व मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच विवाद
दरअसल, सीएम भगवंत मान श्री हरिमंदिर साहिब से प्रसारित होने वाली गुरबानी को एक चैनल के पास नहीं रहने देना चाहती। जिसके चलते पंजाब सरकार ने गुरुद्वारा एक्ट 1925 को संशोधित किया। मुख्यमंत्री ने बीते दिनों विधानसभा में कहा कि 21 जुलाई तक एक चैनल के पास एकाधिकार है। उसके बाद सभी चैनलों पर अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल से गुरबाणी सभी चैनलों पर चलेगी। इसकी फीड फ्री होगी, जो भी चलाना चाहे, वह इसे चला सकता है।
सिख गुरुद्वारा एक्ट संशोधन बिल पर CM भगवंत मान ने कहा-”गुरबाणी प्रसारण मुद्दे पर SGPC प्रधान हरजिंदर धामी कहते हैं कि यह फ्री है। लेकिन, यह फ्री नहीं है। यह एक्सक्लूसिव राइट हैं, यानी कि चैनल मालिक है। यह गुरुओं की बाणी है, यह इनके एक्सक्लूसिव राइट कैसे हो सकते हैं।
चैनल को कमाई कैसे होती है, मुख्यमंत्री ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा- अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में गुरबाणी वाला चैनल लगवाना है तो 54 डॉलर लगते हैं। इसी चैनल पर गुरबाणी चलती है, सभी सुनते हैं। सभी इसी चैनल की सब्सक्रिप्शन लेते हैं, जिससे टीआरपी बढ़ जाती है। उसके साथ चैनल को विज्ञापन मिलते हैं। इससे कमाई हो रही है।
सीएम भगवंत मान ने जनरल इजलास को बताया खानापूर्ती
इस जनरल इजलास से पहले ही मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इसे एक खानापूर्ती बताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सिखों की प्रमुख संस्था अब अपने आकाओं के हाथों की कठपुतली बनकर रह गई है। SGPC की मीटिंग केवल एक ढोंग है क्योंकि अकाली लीडरशिप की तरफ से पहले ही इस संबंध में फैसला किया जा चुका है।