बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के कभी सबसे खास रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह (RCP Singh) भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए हैं। जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष आरसीपी को लेकर ऐसी अटकलें पहले से लगाई जा रही थी। आरसीपी ने पिछले साल अगस्त में जदयू से नाता तोड़ लिया था। इसके बाद से ही वह नीतीश कुमार पर लगातार हमलावर हैं। पूर्व JDU नेता केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह की उपस्थिति में भगवा पार्टी में शामिल हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं। उन्हें जरा सोचना चाहिए कि देश कहां से कहां चला गया और बिहार कहां हैं। उन्हें ‘C’ शब्द से बड़ा प्यार है, सी से चेयर होता है इसलिए कुर्सी के मोह में सारा काम कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को सब PM कहते हैं। मैंने भी उन्हें कहा कि आप PM थे, PM हैं और PM रहेंगे। पीएम मतलब पल्टीमार। उन्होंने कितनी बार विश्वासघात किया है।
उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व IAS अधिकारी आरसीपी सिंह ने 1990 के दशक के अंत में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहते हुए नीतीश कुमार का विश्वास जीता था। उस समय नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री थे। सिंह ने राजनीति में आने के लिए 2010 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली थी।
आरसीपी सिंह ने नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री के रूप में पहले पांच सालों के दौरान प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया था। बाद में जेडीयू में सिंह का वर्चस्व बढ़ता गया, जिसे इस तथ्य से समझा जा सकता है कि उन्हें लगातार दो बार राज्यसभा भेजा गया। नीतीश कुमार के बाद सिंह जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए।
इसके बाद, आरसीपी सिंह केंद्र में मंत्री बनाए गए जिसके बारे में समझा जाता है कि नीतीश कुमार की इस पर सहमति नहीं थी क्योंकि वह गठबंधन सहयोगियों को केंद्रीय मंत्रिमंडल में प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व देने की बीजेपी की नीति से असहमत थे।
बिहार के मुख्यमंत्री की नाखुशी जल्द ही स्पष्ट हो गई जब सिंह को पार्टी प्रमुख का पद छोड़ने के लिए कहा गया। राज्यसभा के लिए एक और कार्यकाल से इनकार से उनका मंत्री पद भी चला गया और पार्टी में उनके करीबी समझे जाने वाले नेताओं को बाहर कर दिया गया।






