अब चार्टेड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी भी मनीलांड्रिंग कानून के दायरे में आएंगे। सरकार ने उन्हें PMLA कानून के तहत रिपोर्टिंग एंटीटी की लिस्टम में शामिल करने के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। इस बारे में डिटेल में जानकारी देते हुए सीएनबीसी आवाज़ के आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि उन्हें अब चार्टेड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी को अपने क्लायंट की सभी डील नज़र रखनी पड़ेगी। अगर इसमें कोई चूक हुई तो उनपर भी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि अक्सर चार्टेड अकाउंटेंट्स पर अपने क्लाइंट्स को टैक्स चोरी के रास्ते सुझाने का आरोप लगता है। लेकिन अब उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। अब चार्डेट अकाउंटेट, कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट अकाउंटेंट्स जैसे प्रोशेनल्स अगर अपने क्लाइंट की अचल संपत्तियों की खरीदी बिक्री, उनकी प्रॉपर्टी और सिक्योरिटीज की देखरेख करते हैं तो वो भी मनी लॉन्ड्रिंग कानून के दायरे में आएंगे। अब सरकार ने इन्हे भी रिपोर्टिंग एंटिटी की लिस्ट में शामिल करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
दरअसल सरकार ने इस साल बजट पेश करते वक्त वित्त विधेयक में संशोधन किया था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक नोटिफिकेशन जारी करने से पहले भी सभी प्रोफेशनल्स बॉडी से इस पर चर्चा की गई थी। देश CA लोगों की संस्था द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (The Institute of Chartered Accountants of India) ने भी इस मुद्दे पर पूरी तरह से सहयोग करने की बात कही है। ICAI के मुताबिक अब चार्टर्ड अकाउंटेट्स को अपने सभी क्लायंट्स का KYC कराना होगा और इसका रिकार्ड रखना होगा। इसे लेकर पहले से ही संस्था क्वालिटी कंट्रोल के लिहाज़ से नियमों का सख्ती से पालन करती है और नए संसोधन को लेकर अपने मेंबर्स के बीच जागरूकता अभियान भी चलाएंगी।
इस बीच कुछ सीए और कंपनी सेक्रेटरी और कॉस्ट अकाउंटेंट्स ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा है कि क्लायंट्स के वित्तीय लेनदेन पर नजर रखने के सरकार के फैसले प्रोफेसनल्स के पेशे पर निगेटिव असर पड़ेगा। ये लंबे समय तक प्रभावी नहीं रहेगा। इसके अलावा वकीलों को इससे बाहर रखा गया जिसकी वजह ये ऑल इनक्ल्युसिव भी नहीं है।
चार्टेड अकाउंटेंट और कंपनी सेक्रेटरी भी मनीलांड्रिंग कानून के दायरे में लाने का फैसला उन तमाम चीनी कंपनियों की जांच के बाद आया है, जिसमें पाया गया था कंपनियों के दिए गए पते भी फर्जी थे।
चीनी शेल कंपनियों के गठन के मामले में 2022 में 400 से अधिक सीए और कंपनी सचिव जांच के दायरे में आए थे। इन पर आरोप है कि इन्होंने कथित रूप से मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध फंडिंग में चाइनीज जालसाजों की मदद की थी।
जानकारों की राय
पूर्व आईसीएआई अध्यक्ष अमरजीत चोपड़ा ने मनीकंट्रोल से हुई बातचीत में कहा है कि कुछ गलत पेशेवरों की वजह से पूरे पेशे को गलत नहीं ठहराया जा सकता है। सीए यह जांच कैसे कर सकते हैं कि ग्राहक विदेश से पैसा कहां से ला रहा है? सरकार हमारे काम में हर तरह का अड़ंगा लगा रही है। प्रोफेशन करने की स्वायत्तता छीन रही है और ऐसा माहौल बना रही है जिसमें सीए अपना प्रोफेशन करने से कतराएंगे। अगर भारतीय कंपनियों में निवेश करने वाले मान्यता प्राप्त विदेशी फंडों ने लाभार्थियों के नाम का खुलासा करने से इनकार कर दिया है तो आप सीए से यह कैसे उम्मीद कर सकते हैं कि पता लगाए कि फंड वास्तव में कहां से आया है।
कुछ प्रोफेशनल्स को उम्मीद कि सरकार का ये फैसला मनी लॉन्ड्रिंग पर सर्जिकल स्ट्राइक की तरह काम कर सकता है। जो सीए भरोसेमंद तरीके और ईमानदारी से काम कर रहे हैं उसको इसके बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।