चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के करीब 10 हजार करोड़ से ज्यादा के ड्रग रैकेट केस की सुनवाई आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में होनी है। पंजाब सरकार रिपोर्ट के आधार पर की कार्रवाई के बारे में हाईकोर्ट को बताएगी। गौरतलब है कि पंजाब सरकार मामले के आरोपी AIG राजजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त कर चुकी है। उसका लुकआउट सर्कुलर (LOC) भी जारी किया है। विजिलेंस को ड्रग मनी से अर्जित संपत्ति का पता लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं।
इस मामले में अब तक हाईकोर्ट में 3 रिपोर्ट खोली जा चुकी हैं, जिन पर SIT सदस्यों ने साइन भी किए हैं। हाईकोर्ट ने इनमें से एक रिपोर्ट पढ़कर पंजाब के पूर्व DGP दिनकर गुप्ता को नोटिस देने की बात कही थी। पूर्व DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को भी अपना पक्ष रखने को कहा गया। एडवोकेट नवकिरण सिंह ने चौथी रिपोर्ट को फिलहाल बंद रखने की अपील की।

बर्खास्त AIG राजजीत सिंह की फाइल फोटो।
शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया भी आरोपी
मामले में शिअद के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ भी पंजाब सरकार केस दर्ज कर चुकी है। मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर 2021 को मोहाली में NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था। इसमें मजीठिया को जेल जाना पड़ा था लेकिन फिलहाल वह जमानत पर बाहर है।
हाईकोर्ट के आदेश पर कार्रवाई
पंजाब सरकार ने 23 मई 2018 को सील बंद रिपोर्ट पर अपना ओपिनियन हाईकोर्ट को सौंपा था। साल 2021 में हाईकोर्ट ने इस पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे। पंजाब सरकार ने भी स्वयं को कार्रवाई करने के लिए तैयार बताया था। साथ ही कार्रवाई करने के लिए हाईकोर्ट के आदेश का इंतजार होने की बात कही थी।
AIG ने हलफनामा देकर दी जानकारी
पंजाब सरकार द्वारा हाईकोर्ट को ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के AIG सरबजीत सिंह का हलफनामा दिया गया। इसमें बताया है कि ड्रग रैकेट में फंसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट ने दिसंबर 2017 में तत्कालीन DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय को आदेश दिए थे। इसके बाद चट्टोपाध्याय ने 1 फरवरी 2018, 15 मार्च 2018 और 8 मई 2018 को 3 जांच रिपोर्ट्स हाईकोर्ट को सील बंद लिफाफे में सौंपी थीं।

तत्कालीन DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की फाइल फोटो।
STF को दिए SSP और इंस्पेक्टर की जांच के आदेश
दरअसल, हाईकोर्ट ने SSP मोगा राजजीत सिंह और इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह संबंधी मामले की जांच के आदेश STF को दिए थे। राजजीत सिंह ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर कहा था कि STF प्रमुख हरप्रीत सिंह सिद्धू उनके मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकते हैं।
इस कारण हाईकोर्ट ने DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय, ADGP प्रभोद कुमार और IG कुंवर विजय प्रताप सिंह की SIT गठित कर जांच के आदेश दिए। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी थी, जबकि सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने 2 रिपोर्ट्स अलग से सीधे हाईकोर्ट सील बंद लिफाफे में सौंपी थी।






