चंडीगढ़ (The News Air): पंजाब के पांच बार बने मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार शाम मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। इस समय सियासत में शोक की लहर छाई है। अगर बात करें बादल साहब का लोगो के पार्टी प्यार की तो आज उनकर परिवार या पार्टी के सदस्यों की ही नहीं आम जनता की भी आंखें नम है। लोग उनको याद कर फुट- फुट कर रो रहें हैं उनका कहना है कि ऐसा नेता हमें दोबारा नहीं मिलेगा।
पांच साल मुख्यमंत्री रहे बादल ने लोगों की भलाई के हितों के लिए काफी काम किया। बदल ने बठिंडा और अन्य शहरों की स्थिति को सुधारा।पंजाब की राजनीति के दिग्गज नेता बादल पहली बार 1970 में मुख्यमंत्री बने और उन्होंने एक गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया, जिसने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया। इसके बाद वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे।बादल 11 बार विधायक रहे और केवल दो बार राज्य विधानसभा का चुनाव हारे। वर्ष 1977 में वह केंद्र में कृषि मंत्री के रूप में मोरारजी देसाई की सरकार में थोड़े समय के लिए शामिल हुए।अपने राजनीतिक जीवन के आखिरी दौर में 2008 में बादल ने अकाली दल की बागडोर बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी, जो उनके अधीन पंजाब के उपमुख्यमंत्री भी बने।
प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था। बादल ने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से स्नातक किया। उन्होंने 1957 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में मलोट से पंजाब विधानसभा में प्रवेश किया। 1969 में उन्होंने अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।
बता दें पंजाब के पांच बार के मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार शाम मोहाली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया, जो अस्थमा से पीड़ित थे। वह 95 वर्ष के थे। फोर्टिस अस्पताल के एक मीडिया बुलेटिन में कहा गया है कि प्रकाश सिंह बादल को 16 अप्रैल को ब्रोन्कियल अस्थमा के कारण सांस लेने में तकलीफ होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 18 अप्रैल को उनकी सांस की स्थिति बिगड़ने के कारण उन्हें आईसीयू में रखा गया था।इलाज के साथ-साथ उन्हें एनआईवी और एचएफएनसी सपोर्ट दिया जा रहा था। कार्डियोलॉजी और पल्मोनोलॉजी विशेषज्ञों और क्रिटिकल केयर टीम उनका इलाज दिगंबर बेहरा की देखरेख में कर रही थी। अस्पताल के बयान में कहा गया है कि उचित चिकित्सा प्रबंधन के बावजूद प्रकाश सिंह बादल की सांस थम गई।